जानकारी के अनुसार प्रशासन की ओर से कराए गए सर्वे में यहां बड़े पैमाने पर अतिक्रमण होने की जानकारी मिली थी। बताया गया कि यह कार्रवाई अभी कई दिनों तक चल सकती है। बेट-द्वारका में अतिक्र्रमण के संबंध में उच्चस्तरीय शिकायत पहले कई बार की जा चुकी है। इसके बाद शनिवार से आक्रमक रूप से अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया गया। इससे पूर्व कार्रवाई से पहले शुक्रवार रात 3-4 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिससे किसी किस्म की होने वाली गड़बड़ी को रोकी जा सके। हाल में ओखा से बेट के बीच चलने वाली फेरीबोट सर्विस को आपात उपयोग के सिवाय बंद कर दिया गया है। इसके अलावा प्रशासन ने बेट के निवासियों को बिना कारण घर से बाहर नहीं निकलने के संबंध में सूचना जारी की है।
पुलिस और जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में हुई कार्रवाई के तहत डिमोलिशन में पुलिस के साथ वन विभाग, मरीन, ओखा नगर पालिका, गुजरात मेरीटाइम बोर्ड, राजस्व विभाग की सहभागिता रही। इसमें सर्कल इंस्पेक्टर, मुख्य अधिकारी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।
डिमोलिशन के बाद करोड़ों रुपए की जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया गया। दंगडा, पत्थर आदि खड़की में हजारों फीट अवैध निर्माण किया गया था। गलियों में मकानों और दुकानों को जमींदोज कर दिया गया। राजकोट रेंज आईजी के नेतृत्व में देवभूमि द्वारका जिला पुलिस अधीक्षक नितेश पांडेय पिछले कई दिनों से इस बड़ी कार्रवाई को लेकर गहराई से अध्ययन कर रहे थे। पूरी योजना बनने के बाद कार्रवाई शुरू की गई।