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अहमदाबाद

गुजरात में हर वर्ष एक हजार मूकबधिरों का जन्म

वल्र्ड डेफनेस वीक कल से

अहमदाबादSep 21, 2018 / 11:53 pm

Omprakash Sharma

Every year one thousands of deaf child born in Gujarat

गुजरात में हर वर्ष एक हजार मूकबधिरों का जन्म

अहमदाबाद. देश मेें श्रवणशक्ति की खामी दूसरी सबसे बड़ी सामान्य विकलांगता है। गुजरात से ही प्रति वर्ष एक हजार मूकबधिर बढ़ जाते हैं। मूकबधिरों के हित में काम करने वाली तारा फाउंडेशन के ट्रस्टी सनी जैन ने यह जानकारी दी। संस्था की ओर से रविवार से ३० सितम्बर तक वल्र्ड वीक डेफनेस डे मनाया जाएगा।
देश में एक करोड़ साठ लाख मूकबधिर हैं। इनमें से अकेले गुजरात में हर वर्ष एक हजार बढ़ जाते हैं। ट्रस्टी जैन के अनुसार डीफनेस फ्री सोसायटी का उद्दश्य समाज में से श्रवणशक्ति के अभाव की समस्या को दूर करना है। आगामी रविवार से मनाए जाने वाले वल्र्ड डेफनेस डे वीक के दौरान फाउंडेशन ने तीन सौ से अधिक मूकबधिर बच्चों के लिए जॉय राइड का आयोजन किया है। जिसमं बच्चे सफर कर सकेंगे। रविवार को यह आयोजन अदाणी शांतिग्राम में होगा। जिसमें डेफनेस के संबंध में जागरुकता फैलना भी है। ईएनटी सर्जन डॉ. नीरज सुरिया के अनुसार नवजात शिशु को जरूरी टीकाकरण के अलावा डेफनेस के संंबध में जांच भी जरूरी है। ताकि बेहरापन की समस्या का समय रहते उपचार हो सके। संस्था के माध्यम से बच्चों को कोकलियर इम्पलांट के बाद बोलने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि चार माह में छह हजार से अधिक बच्चों की जांच करने पर १८० बेहरेपन की समस्या से ग्रस्त पाए गए। संस्था के पास हाल में मूकबधिरों के हित में काम करने के लिए पांच केन्द्र हैं. हर माह १५००बच्चों की महिला निशुल्क जांच भी करती है। भुज, गोधरा, आणंद, पाटण एवं अहमदाबाद में केन्द्र हैं।
उन्होंने कहा कि संस्था राज्यभर में मूकबधिर बच्चों के हित में काम करती है। नेत्रहीन व अन्य दिव्यांग बच्चों के हित में विविध संस्थाएं काम करती हैं। जबकि इन बच्चों के लिए कम ही संस्थाएं हैं। कोकलियर इम्पलांट के बाद बोलना सिखाना भी महत्वपूर्ण है। जिसके लिए संस्था ने विशेष केन्द्र भी खोल रखे हैं। इन संस्थाओं में प्रशिक्षितों के माध्यम से बच्चों को न सिर्फ बोलना सिखाया जाता है बल्कि अन्य गतिविधियां भी की जाती हैं।
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