पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिद्धू आज करेंगे जसदण में चुनाव प्रचार
अहमदाबादPublished: Dec 17, 2018 10:42:35 pm
आमसभा को भी करेंगे
पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिद्धू आज करेंगे जसदण में चुनाव प्रचार
अहमदाबाद. जसदण विधानसभा उपचुनाव प्रचार के अंतिम दिन मंगलवार को कांग्रेसी नेता ताकत झोकेंगे। पूर्व क्रिकेटर और फायर ब्रांड नेता नवजोतसिंह सिद्धू जसदण में भी जसदण में मतदाताओं को रिझाएंगे। जसदण के आटकोट रोड पर जलाराम सोसायटी के निकट आमसभा को संबोधित करेंगे। इस मौके पर राज्यसभा सांसद अहमद पटेल, गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा, नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी, बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल, अर्जुन मोढवाडिया भी सभा को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस जसदण विधानसभा सीट को बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में जीत के बाद कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं में नया जोश है। कांग्रेस ने सौराष्ट्र के कोली, पाटीदार समेत तीन दर्जन विधायकों को विधानसभा उपचुनाव प्रचार में उतार दिया। वहीं कांग्रेस के प्रभारी राजीव सातव, गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी भी जसदण में डेरा डाले हुए है। वे हर हाल में कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने के लिए ताकत झोंक रहे हैं। जसदण के विधायक कुंवरजी बावलिया के कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का कमल थामने के बाद इस सीट पर 20 दिसम्बर उपचुनाव होने हैं। बावलिया के खिलाफ कांग्रेस ने अवसर नाकिया को मैदान में उतारा है।
भाजपा सरकार कलम 144 का कर रही है दुरुपयोग: दोशी
गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी भाजपा सरकार पर सीआरपीसी की कलम 144 के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि किसान, बेरोजगार, युवा, पाटीदार, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग सहित आम नागरिक यदि अपने हक और अधिकार के लिए मंजूरी मांगते हैं तो भाजपा सरकार 144 की कलम से सभा और जुलूसों पर प्रतिबंध फरमाती है। राज्य में सीआरपीसी की कलम 144 की अधिसूचना से भाजपा भय का माहौल बना रही है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद और राजकोट की सीआरपीसी की कलम 144 ही राज्य में कानून- व्यवस्था की पोल खोलती है। अहमदाबाद में सीआरपीसी 144 के अंतर्गत 17 प्रकार की अलग-अलग अधिसूचनाओं में 778 दिनो ंतक सभा-जुलूस बंद से लेकर घरघाटी तक अधिसूचना है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लापता होने के आंकड़े राज्य सरकार के गृह विभाग की विफलता और निष्क्रियता की पोल खोलते हैं। पिछले दो वर्षों में 4800 बच्चों में से पुलिस 1150 बच्चों की तलाश नहीं कर पाई। राज्य में कानून- व्यवस्था खस्ताहाल है। धार्मिक स्थल सुरक्षित नहीं हैं। मंदिरोंं से भगवान की मूर्तियां चोरी होती हैं।