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भाजपा नेता और पूर्वमंत्री चौहाण ने थामा कांग्रेस का हाथ

locationअहमदाबादPublished: Nov 27, 2018 10:32:15 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

कांग्रेस का तिरंगा खेस पहनाकर उनका स्वागत किया

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भाजपा नेता और पूर्वमंत्री चौहाण ने थामा कांग्रेस का हाथ

अहमदाबाद. भाजपा से चार बार विधायक और मंत्री रहे सुन्दरसिंह चौहाण ने मंगलवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया। चौहाण मंगलवार को पालडी स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस में शामिल हो गए। गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा, गुजरात कांग्रेस के प्रभारी और सांसद राजीव सातव और सह प्रभारी बिश्वरंजन मोहंती ने कांग्रेस का तिरंगा खेस पहनाकर उनका स्वागत किया।
इस मौके पर अमित चावड़ा ने कहा सुन्दसिंह चौहाण खेड़ा जिले में कई वर्षों से जनसेवा कर रहे हैं। वे भाजपा से चार बार विधायक भी चुने गए और गुजरात सरकार में सामाजिक कल्याण विभाग में श्रम एवं रोजगार विभाग में मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा चुके है। सुन्दरसिंह के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस संगठन मजबूत बनेगा। साथ ही भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीति के खिलाफ लड़ाई और मजबूत बनेगी।
गुजरात कांग्रेस के प्रभारी राजीव सातव ने कहा कि भाजपा में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को स्थान नहीं है। सुन्दरसिंह चौहाण सामाजिक और किसान नेता के तौर पर कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं। भाजपा में सच्चे लोगों को नजदंराज किया जा रहा है। चौहाण के अनुभवों से कांग्रेस की जनकल्याण नीति मजबूत बनेगी।
कांग्रेस का हाथ थामने के बाद सुन्दरसिंह चौहाण ने कहा कि भाजपा सरकार की लगातार किसान विरोधी नीति के चलते और किसानों की नजरंदाजी के चलते भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दिया। भाजपा में पुराने, अनुभवी और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को नजरंदाज किया जाता है। किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलता। बीज, खाद और बिजली के दामों खासी वृद्धि हुई। किसानों से अन्याय हो रहा है।
‘प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री दें इस्तीफा’
नेता प्रतिपक्ष धानाणी ने नाम लिए बगैर प्रधानमंत्री को चौकीदार और मुख्यमंत्री को हवलदार बताते हुए कहा कि सीबीआई की जांच सुप्रीम कोर्ट के मार्गदर्शन से हो रही है, जिसमें गुजरात से प्रतिनिधित्व करने वाले और केन्द्रीय मंत्री हरबिाई चौदरी पर व्यक्तिगत आरोप लगे रहे हैं। न्याय पालिका पर भरोसा और विश्वास है। कभी न कभी सत्य जरूर उजागर होगा। प्रधानमंत्री पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय सहित मत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री को नैतिक के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
वहीं पिछले वर्ष गुजरात में समर्थन मूल्य पर मूंगफली की खरीदारी में बड़ा घोटाला सामने आया। मूंगफली कांड में चार हजार करोड़ों कहां गए उसका जवाब देने में विफल रहे मुख्यमंत्री ने खुद भी यह स्वीकार किया कि पिछले वर्ष मूंगफली खरीदारी में घोटाला हुआ था। मुख्यमंत्री को भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए और न्यायपालिका के सीटिंग जज से मूंगफली कांड की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।

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