scriptवडोदरा में इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश | Exposure to black marketing of injections in Vadodara | Patrika News

वडोदरा में इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश

locationअहमदाबादPublished: Apr 11, 2021 11:04:02 pm

Submitted by:

Rajesh Bhatnagar

चिकित्सक व मेल नर्स को पकड़ा, 7500 से 9 हजार में बेचे रेमडेसिविर, मामला दर्ज

वडोदरा में इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश

वडोदरा में इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश

वडोदरा. शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढऩे के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश किया गया है। मुखबिर को 7500 रुपए में इंजेक्शन बेच रहे एक चिकित्सक और 9 हजार में बेचते एक मेल नर्स को पुलिस टीम ने पकड़ा है।
सूत्रों के अनुसार मुखबिर की सूचना पर पुलिस की अपराध शाखा (पीसीबी) की टीम ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई शुरू की। सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) हरिभाई विरमभाई ने एक व्यक्ति को फोनकर निजी अस्पताल में भर्ती रिश्तेदार को तुरंत इंजेक्शन की आवश्यकता बताई।
सामने वाले ने 7500 रुपए में मिलने और रावपुरा टावर के समीप खड़े होने की जानकारी दी। पुलिस टीम वहां पहुंच गई। एएसआई हरिभाई वहां पहुंचे तो उस व्यक्ति ने हाथ ऊंचाकर इशारा किया। वहां पहुंचकर राशि देने पर उस व्यक्ति ने कार से इंजेक्शन दिया और पुलिस टीम ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ में उस व्यक्ति ने स्वयं की पहचान वडोदरा में वारसिया रिंग रोड पर पावनधाम सोसायटी निवासी डॉ. धीरेन नागोरा के तौर पर बताई। उसके पास इंजेक्शन खरीदने की पर्ची और बेचने का लाइसेंस नहीं मिला। इंजेक्शन की कीमत 2500 रुपए बताते हुए आर्थिक लाभ के लिए 7500 रुपए में बेचने की बात कबूल की। आरोपी चिकित्सक के मित्र जिगाजी ने कुणाल को फोनकर बुलाया और 5 हजार रुपए में इंजेक्शन दिया।
पुलिस टीम ने डॉ. धीरेन से कुल 40 हजार रुपए के दो मोबाइल फोन, इंजेक्शन के 7500 रुपए के अलावा अन्य 62500 रुपए जब्त किए। तलाशी के दौरान कार से और इंजेक्शन नहीं मिले। डेश बोर्ड से निजी अस्पताल के डॉ. गौरांग बी. पटेल एमडी फिजिशियन के लेटरपेड वाली पर्ची मिली, उस पर मरीज का नाम रमेश पटेल लिखा था। उसके नीचे की ओर डॉ. गौरांग बी. पटेल की डिग्री, पते ओर पंजीकरण संख्या की छाप लगी मिली। उसके साथ मरीज रमणभाई पटेल का सहमति पत्र, आधार कार्ड की जिरोक्स प्रति, डॉ. गौरांग बी पटेल के हस्ताक्षर व छाप लगी मिली। पर्ची के बारे में पूछने पर बताया कि मरीज को जरूरत होने पर लिखा था, वासद जाकर टोसिलिजुमेब इंजेक्शन 43 हजार रुपए में लाकर दिया। पुलिस टीम ने डॉ. धीरेन नागोरा व गैरकानूनी तौर पर इंजेक्शन सप्लाई करने वाले कुणाल के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की गई है।
दूसरी ओर, गहन पूछताछ में डॉ. धीरेन ने पीसीबी की टीम को बताया कि मुस्लिम मेडिकल सेेंटर में मेल नर्स के तौर पर कार्यरत राहुलभाई वालंद भी रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचता है। फोन कर मांगने पर राहुल ने इनकार किया लेकिन बाद में कोवीफोन का इंजेक्शन 9 हजार रुपए में देने के लिए तैयार हुआ और आयुर्वेदिक तीन रास्ते पर बुलाया। इस पर पुलिस भवन से निजी वाहनों से टीम मौके पर पहुंची। कुछ समय बाद बाइक से पहुंचे व्यक्ति ने इशारा किया और पुलिस टीम ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपनी पहचान वडोदरा में पाणीगेट क्षेत्र में मुस्लिम मेडिकल सेंटर व मूल महीसागर जिले के देव पटेल फलिया गांव का निवासी के तौर पर बताई। उसके कब्जे से रेमडेसिविर इंजेक्शन मिला लेकिन उसके पास इंजेक्शन खरीदने की पर्ची और बेचने का लाइसेंस नहीं मिला। उसके पास से पाणीगेट क्षेेत्र स्थित कोविड केयर सेंटर का वालंद राहुल नाम का बिना फोटो वाला कोविड-19 फाइटर का पहचान पत्र मिला। उस पर डॉ. एम.एस. हुसैन की छाप लगी व हस्ताक्षर किए थे। उसके कब्जे से मोबाइल फोन, बाइक, इंजेक्शन सहित 59,500 रुपए का सामान जब्त किया गया। पुलिस टीम ने इस संबंध में मामला दर्जकर जांच शुरू की है।
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