श्रम एवं रोजगार मंत्री ठाकोर ने कहा कि गुजरात औद्योगिक और बड़े पैमाने पर रोजगार देना वाला राज्य है। ऐसे में मालिक बच्चों को किसी भी व्यवसाय या किशोरों को जोखिमकारक व्यवसाय में नहीं रखें यह जरूरी है। केन्द्र सरकार की ओर से बाल और किशोर श्रम (प्रतिबंध एवं नियमन) अधिनियम, 1986 और वर्ष 2016 के संशोधन में 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को किसी भी प्रकार के कारोबार में रखने पर प्रतिबंध है। वहीं 18 वर्ष से कम आयु के किशोरों को जोखिमकारक व्यवसायों में रखने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
ठाकोर ने यह विधेयक पेश करते कहा कि राज्य में बाल श्रमिकों की संख्या में कमी लाने और बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिबंध एवं नियमन) अधिनियम, 1986 को और सख्त तरीके से लागू करने, गुजरात को बाल श्रमिक मुक्त बनाने के लिए विधेयक में प्रावधान किए गए हैं। जहां पहले बच्चों और किशोरों को काम पर रखने वालों से पचास हजार रुपए जुर्माना वसूला जाता था अब एक लाख रुपए जुर्माना वसूलने का प्रावधान किया गया है। वहीं जिला मजिस्ट्रेट के स्थान पर अब महानगरपालिका आयुक्त अथवा श्रम निदेशक अथवा क्षेत्र नगरपालिका के क्षेत्रीय आयुक्त को कार्रवाई के अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में संशोधन से गुजरात बालश्रमिक मुक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगा। अधिकारों का विकेन्द्रीकरण होने से यह कानून प्रभावी बनेगा।