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फर्जी नोट छापने के मामले में पुजारी को उम्र कैद

locationअहमदाबादPublished: Dec 13, 2018 07:58:10 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

सितम्बर 2015 में मंदिर परिसर में छापे में जाली नोट, प्रिंटिंग जप्त किया गया था

Priest, Fake currency, Life imprisonment

फर्जी नोट छापने के मामले में पुजारी को उम्र कैद


अहमदाबाद. सुरेन्द्रनगर जिले के सायला शहर के मंदिर के एक पुजारी को फर्जी नोट छापने के मामले में स्थानीय सत्र अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। ग्राम्य अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बी एच सोमानी ने शैलेष रावल को भारतीय दंड संहिता की धारा 489 और आपराधिक षडयंत्र की धारा 102 के तहत यह सजा सुनाई।
गुजरात आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीस) ने 29 सितम्बर 2015 को सायला के लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर में छापा मारा था। इस कार्रवाई में मंदिर के बेसमेंट से रावल के पास से 102 जाली नोट, एक प्रिंटर सहित अन्य सामान जप्त किया गया था। जांच एजेंसी ने पुजारी के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया वहीं दो अन्य मगन गोपाभाई व विक्रमसिंह वखूभाई को फरार बताया। आरोप यह है कि यह दोनों पुजारी से फर्जी नोट की डिलीवरी लेने आए थे।
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 17 गवाहों का परीक्षण किया गया और साथ ही 16 दस्तावेजी सबूत पेश किए गए।
ग्राम सभा की मंजूरी के बिना निर्माण पर राज्य सरकार को नोटिस : पेसा अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप

अहमदाबाद. गुजरात उच्च न्यायालय में नर्मदा जिले की सागबारा तहसील के देवमोगरा गांव में पंचायत (अधिसूचित क्षेत्रों का विस्तार)-अधिनियम (पेसा) व नियमों के प्रावधानों का अमलीकरण नहीं किए जाने को लेकर याचिका दायर की गई है।
गुजरात आदिवासी हित रक्षक समिति की ओर से दायर याचिका में यह कहा गया है कि गुजरात पर्यटन निगम लिमिटेड की ओर से ग्राम सभा की मंजूरी के बिना गांव में जमीन की खुदाई हो रही है और यहां पर नई इमारत का निर्माण हो रहा है। यह पेसा अधिनियम के प्रावधानों का पूरी तरह उल्लंघन है। याचिकाकर्ता के वकील जगतसिंह वसावा की ओर से दलील दी गई कि इस मामले में गांव के लोगों ने जिला प्रशासन से उनकी आजीविका बचाने को लेकर गुहार लगाई थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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