अग्रवाल ने बताया कि नकली रसीद को दिखाकर लोग वाहनों को छुड़ा ले जाते थे। आरटीओ अधिकारी भी जांच किए बिना ही वाहनों को छोड़ देते थे। इस गिरोह ने ९ आरटीओ मेमो एवं पुलिस की ओर से दिए गए १९ मेमो में अनियमितता की है। इनमें राजकोट शहर पुलिस के नौ, राजकोट रूरल ट्रैफिक के २, विंछिया, वीरपुर व भावनगर के एक-एक, सुरेन्द्रनगर ट्रैफिक के ३ और थोराला के २ मेमो शामिल हैं। इसके अलावा जामनगर के मेमो की भी नकली रसीद बनाने का मामला सामने आया है।
उन्होंने बताया कि दो वर्षों में ४३०० से ५ हजार डिटेन किए वाहनों से ६० लाख का जुर्माना वसूल किया गया। उन सभी रसीदों की री-चेकिंग की जाएगी। आरटीओ एवं पुलिस की ओर से दिए गए मेमो की भी क्रॉस चेकिंग की जाएगी।