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सिंचाई के लिए किसानों को ८ की जगह १० घंटे बिजली

locationअहमदाबादPublished: Aug 07, 2018 10:54:18 pm

बारिश में विलंब से सरकार चिंतित…,४४ तहसील में पशुपालकों को भी दो रुपए किलो घास देगी सरकार, मुख्यमंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक में की समीक्षा

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सिंचाई के लिए किसानों को ८ की जगह १० घंटे बिजली,

अहमदाबाद. मानसून के मौसम में भी गुजरात में बारिश नहीं होने एवं उसमें विलंब होने से सरकार चिंतित है। इसकी मुख्य वजह पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी बारिश नहीं होना है। क्योंकि गुजरात की आधी आबादी को पीने का पानी उपलब्ध कराने वाले नर्मदा बांध (सरदार सरोवर डेम) में पानी का मुख्य आधार म.प्र. से निकलने वाली नर्मदा नदी के १२०० किलोमीटर के दायरे में होनी वाली बारिश है। वहां बारिश नहीं होने के चलते नर्मदा बांध में क्षमता से काफी कम पानी बचा है।
इस स्थिति के चलते मंगलवार को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सरदार सरोवर (नर्मदा निगम), कृषि, सिंचाई मंत्रालय व अन्य संबंधित मंत्रालय के मंत्रियों, मुख्य सचिव व सचिवों के साथ बैठक की। इसमें राज्य के बाधों में उपलब्ध जल की स्थिति और आगे के हालत पर चर्चा हुई।
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में बताया कि गुजरात की जिन ४४ तहसीलों में १२५ एमएम (पांच इंच) से भी कम बारिश हुई है। उन ४४ तहसीलों के पांजरापोल, गोशालाओं को तो दो रुपए प्रति किलो घास चारे का वितरण जारी रखा ही गया है, साथ ही इन तहसीलों के पशुपालकों को भी दो रुपए प्रतिकिलो घास उपलब्ध कराई जाएगी।
बारिश न होने के चलते किसानों की फसल ना सूखे और उन्हें पर्याप्त जल मिल सके इसके लिए सरकार ने किसानों को आठ घंटे की जगह १० घंटे बिजली उपलब्ध कराने का निर्णय किया है। राज्य में अच्छी बारिश न होने तक व अन्य निर्णय न होने तक जारी रहेगा।
अभी तक राज्य में १००० एमएम से ज्यादा २६ तहसीलों में ही बारिश हुई है। ५००-१००० एमएम के बीच ४८ तहसीलों, २१५-५०० एमएम के बीच ९० तहसीलों में बारिश हुई है।
नर्मदा ही नहीं सौराष्ट्र, मध्यगुजरात, दक्षिण गुजरात के बांधों में भी पानी का मुख्य आधार बारिश एवं पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र व राजस्थान में बारिश व वहां से आने वाला पानी है, लेकिन वहां भी बारिश न होने से राज्यभर के ज्यादातर बांधों में पानी नहीं है। जिससे सरकार पूरे साल राज्यवासियों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सके इसके लिए योजना बनाएगी। बीते वर्ष ऐसी योजना बनाने से कहीं जल संकट नहीं हुआ था।
डेढ़ माह में अच्छी बारिश की आशा
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यूं तो अभी पूरा अगस्त का महीना और सितंबर महीना भी मानसून के मौसम में आता है। इन डेढ़ महीनों में सरकार को गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान में अच्छी बारिश की उम्मीद है। यदि ऐसा होता है तो जल का संकट नहीं रहेगा।
पीने के लिए नियमित मिलेगा पानी, टप्पर बांध भरा जाएगा
बैठक में निर्णय किया गया कि बांधों में जब तक जल उपलब्ध है तब तक लोगों को पीने के लिए नियमित पानी उपलब्ध कराया जाता रहेगा। कच्छ जिले में कम बारिश के चलते पैदा हुई जल संकट की स्थिति से निपटने के लिए कच्छ जिले के टप्पर बांध को नर्मदा के जल से भरा जाएगा। इसके लिए ५००एमसीएफटी जल जल्द छोड़ा जाएगा।

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