रूपाला के मुताबिक इस विधेयक का प्राइवेट कंपनी या व्यापारी के साथ किसानों की जमीन के संबंध में करार का कोई प्रावधान नहीं है। किसान अपनी जमीन पर लगाए गए उत्पाद के भाव के संबंध का करार व्यापारी या कंपनी के साथ कर कानूनी सुरक्षा के साथ ज्यादा आर्थिक उपार्जन कर सकेगा। यदि किसी कंपनी या व्यापारी किसान के साथ हुए करार में चूक करेगा तो इस संबंध में एसडीएम के समक्ष शिकायत की जा सकती है। इसका 30 दिनों में निपटारा कर किसान को मुआवजा दिए जाने का प्रावधान इस विधेयक में है।