scriptऑफ सीजन में भी केले का उत्पादन | Farming banana by Organic method in Anand district | Patrika News

ऑफ सीजन में भी केले का उत्पादन

locationअहमदाबादPublished: May 22, 2019 11:00:08 pm

Submitted by:

Gyan Prakash Sharma

आणंद जिले में ऑर्गेनिक पद्धति से केला की खेती , गुणवत्तापूर्ण केले का उत्पादन कर ५० अवार्ड ले चुके हैं केतन पटेल

Production of banana in off season

ऑफ सीजन में भी केले का उत्पादन

आणंद. आज किसान तेजी से उत्पादन कर रासायनिक पद्धति से खेती कर रहे हैं, जिसका असर लोगों के स्वास्थ्य व जमीन के साथ-साथ पर्यावरण को नुकसानदायक हो रहा है। ऐसे में आणंद जिले के बोरिया गांव निवासी किसान ने ऑर्गेनिक पद्धति से खेती करने का तय किया और इस पद्धति के चलते वह ऑफ सीजन में भी केले का अच्छा उत्पादन कर रहे हैं। इतना ही नहीं, अपितु गुणवत्तापूर्ण केले के उत्पादन के मामले में वह पिछले १६ वर्षों में ५० अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं।
बोरिया गांव निवासी किसान केतन पटेल ने ऑफ सीजन में भी केले का उत्पादन कर किसानों को ऑर्गेनिक खेती का उदाहरण प्रस्तुत किया है। यूं तो चरोत्तर क्षेत्र में अनेक किसान केले का उत्पादन करते हैं, लेकिन मई महीने में कहीं भी केले की खेती नहीं दिखती, ऐसे में केतन बिना सीजन के मई महीने में केले का उत्पादन कर अच्छी आय हासिल कर रहे हैं।
सामान्य रूप से सीजन के दौरान केले का उत्पादन ज्यादा होने से भाव कम रहते हैं, ऐसे में कुछ व्यापारी केले का कोल्ड स्टोरेज में स्टोक कर ऑफ सीजन में अच्छा मुनाफा कमाते हैं, लेकिन केतनभाई इस प्रकार खेती करते हैं कि जिसका उत्पादन ऑफ सीजन में मिल सके।

जून से सितम्बर तक करते हैं बुवाई :
किसान केतन का कहना है कि वह अपनी ६० बीघे जमीन में जून से सितम्बर महीने के दौरान केले की बुवाई करते हैं। गत वर्ष जून महीने में केले की फसल का प्लांंटेशन किया गया, जो अभी ऑफ सीजन में तैयार हो गए। चालू सीजन में २० किलो केले का भाव १००-१५० रुपए मिलता है, लेकिन ऑफ सीजन में भाव दुगुने अर्थात ३०० रुपए तक पहुंच जाते हैं।
उनका मानना है कि ऑफ सीजन में केले की बुवाई करने से खर्च भी कम आता है और भाव अच्छे मिलते हैं। पिछले १६ वर्षों से ऑर्गेनिक पद्धति से केले की खेत कर रहे केतन को अभी तक केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से ५० अवार्ड मिल चुके हैं।

ऐसे बनाते हैं खाद :
केतनभाई देशी पद्धति से खेती करते हैं। ऑर्गेनिक खेती के लिए वह गाय का गोबर, गोमूत्र, बरगद के पेड़ के नीचे की मिट्टी, दलहन का आटा जैसी अलग-अलग वस्तुओं को मिलाकर खाद तैयार करते हैं। उसी खाद का खेत में उपयोग करते हैं।
उनका कहना है कि ऑर्गेनिक केले की खेती को देखने के लिए अन्य किसान भी आते हैं और मार्गदर्शन लेते हैं।

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