सेवानिवृत्ति के बाद भी गुजराती में लिखना जारी वे मेथेमेक्टिस चेयर से सेवानिवृत्त हुए और मैड्रिड में अपनी माता के साथ जाकर बस गए। उन्होंने वहां भी गुजराती में लिखना जारी रखा।
उन्होंने करीब 70 किताबें व कई निबंध गुजराती भाषा में लिखी वहीं अंग्रेजी व स्पेनिश भाषा में 100 किताबें लिखीं। गुजराती पुस्तकों में सदाचार, लग्नसागर, गांधीजी अने नवी पेढ़ी, आत्मीय क्षणों, कॉलेज जीवन, संस्कार तीर्थ, घरना प्रश्नो, चरित्र यज्ञ, व्यक्तित्व घडतर, कुटुंब मंगल, धर्म मंगल शामिल हैं।
उन्होंने करीब 70 किताबें व कई निबंध गुजराती भाषा में लिखी वहीं अंग्रेजी व स्पेनिश भाषा में 100 किताबें लिखीं। गुजराती पुस्तकों में सदाचार, लग्नसागर, गांधीजी अने नवी पेढ़ी, आत्मीय क्षणों, कॉलेज जीवन, संस्कार तीर्थ, घरना प्रश्नो, चरित्र यज्ञ, व्यक्तित्व घडतर, कुटुंब मंगल, धर्म मंगल शामिल हैं।
गुजरात में गणित को लेकर भी बड़ी भूमिका वॉलेस ने गणितीय अवधारणा को गुजरात विवि के लिए गुजराती भाषा में रूपांतरित किया। उन्होंने पहली बार भारतीय भाषा में गणितीय समीक्षा-सुगणितम-आरंभ की। गणित को लेकर उन्होंने गुजराती में एनसाइक्लोपीडिया ज्ञानगंगा में भी अहम योगदान दिया। मास्को, एक्सेटर, नीस में आयोजित वल्र्ड मैथेमेटिकल कांग्रेस में हिस्सा लिया था।