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गुजरात में पद्मावत  का विरोध यथावत

locationअहमदाबादPublished: Jan 21, 2018 11:24:44 pm

Submitted by:

Nagendra rathor

डीजीपी बोले गश्त तीन गुना बढ़ाया, 15 मामले दर्ज, आरएएफ से मददसीपी की ‘सापराध मानववध कोशिश’ की धारा में कार्रवाई की चेतावनी

Film Padmavat Poster
अहमदाबाद. गुजरात में बॉलीवुड फिल्म ‘पद्मावतÓ का विरोध यथावत है। सुप्रीमकोर्ट की ओर से फिल्म को २५ जनवरी को रिलीज करने की मंजूरी मिल गई है, लेकिन इसके विरोध में राजपूत-क्षत्रिय समाज के लोगों का गुस्सा ठंडा होता नहीं दिखाई दे रहा।
अहमदाबाद, महेसाणा, से लेकर कच्छ जिले तक विरोध, प्रदर्शन और आगजनी की घटनाएं जारी हैं। अहमदाबाद में शनिवार देर रात एक सिनेमाघर में पद्मावत फिल्म का सिर्फ ट्रेलर दिखाए जाने कीखबर लगते ही राजपूत समाज के लोगों ने फिल्म की बुकिंग ऑफिस में तोडफ़ोड़़ की और फिर उसमें आग लगा दी।
राजपूतों के उग्र विरोध और प्रदर्शनों को देखते हुए पुलिस महानिदेशक प्रमोद कुमार ने गुजरात की जनता से कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की अपील की है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि जो लोग कानून व्यवस्था को हाथ में लेंगे और शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाएंगे उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रदर्शन, आगजनी की घटनाओं में अब तक १५ मामले दर्ज किए गए हैं।
इसे देखते हुए पूरे राज्य में जिला पुलिस अधीक्षकों और पुलिस कमिश्नरों को उचित सतर्कता बरतने और कदम उठाने को कहा है। हाईवे व संवेदनशील इलाकों में गश्त को तीन गुना बढ़ा दिया गया है। पेट्रोलिंग वाहन में वीडियोग्राफर की भी तैनाती की है,ताकि घटना को रिकॉर्ड करके आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई करने में आसानी हो।
इसके अलावा अहमदाबाद और महेसाणाम में स्थिति को बिगडऩे से बचाने के लिए आरएएफ की दो कंपनियों की मदद ली जा रही है। एसआरपी की आठ अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं। इसके अलावा छह आईजी-डीआईजी स्तर के अधिकारी, १४ उपाधीक्षक, ४१ पीआई, २३७ पीएसआई और प्रशिक्षु साढ़े 11 हजार पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया है।
संवेदनशील इलाकों में एसटी बंद
डीजीपी ने कहा कि एसटी बसों में की जा रही आगजनी को देखते हुए फिलहाल संवेदनशील इलाकों में एसटी बसों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। ताकि सरकारी संपत्ति के नुकसान को रोका जा सके। ज्यादातर सिनेमाघर मालिकों ने फिल्म को नहीं प्रदर्शित करने का ऐलान किया है। ऐसे में राजपूत समाज को कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए। उग्र प्रदर्शनों को देखते हुए व इन्हें रोकने के लिए राजपूत समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के साथ भी पुलिस बातचीत कर रही है।
अहमदाबाद शहर पुलिस हुई सख्त
अहमदाबाद शहर पुलिस आयुक्त ए.के.सिंह ने शहर में फिल्म पद्मावत के हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि यदि लोकतांत्रिक तरीके से किसी भी मुद्दे का विरोध कियागया तो पुलिस मदद करेगी, लेकिन हिंसात्मक प्रदर्शन किए गए तो पुलिस ऐसे प्रदर्शनकारियों पर आईपीसी की धारा ३०८ के तहत सापराध मानववध की कोशिश की धारा के तहत मामला दर्ज करते हुए कड़ी कार्रवाई करेगी। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
सीपी ने कहा कि सिनेमाघर काफी वल्नरेवल जगह है। वहां अधेरा रहता है। सीढिय़ां पास रहती हैं और सीटें भी नजदीक। ऐसे में यदि सिनेमाघर में हिंसात्मक प्रदर्शन हो तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।
दिल्ली के उपहार सिनेमाकांड का उल्लेख करते हुए सीपी ने कहा कि सिनेमाघरों में हिंसात्मक प्रदर्शन करने वालों के विरुद्ध सापराध मानववध की कोशिश की धारा में मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई करेगी। ऐसे समूह की अगुवाई करने वालो के विरुद्ध १२० बी के तहत मामला दर्ज करके कार्रवाई होगी। यह मामले गैर जमानती हैं। इसके अलावाशहर में सिनेमाघरों की सुरक्षा और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैँ।

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