समय सीमा में चुनाव का हिसाब नहीं देने के खिलाफ दर्ज होगी प्राथमिकी
अहमदाबादPublished: Feb 15, 2018 10:39:25 pm
राज्य चुनाव आयोग का निर्णय
गांधीनगर. समय सीमा के भीतर चुनाव का हिसाब नहीं देने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी। गुजरात राज्य चुनाव आयोग की ओर से स्थानीय निकायों के चुनावों में खर्च की समय सीमा निर्धारित की गई है। इस खर्च सीमा में कई बार तब्दीली की गई है, लेकिन चुनाव परिणामों के 30 दिनों के भीतर उम्मीदवारों को खर्च का हिसाब अनिवार्य किया गया है। चुनावी खर्च का हिसाब पेश नहीं करने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करने का निर्णय लिया गया है।
राज्य चुनाव आयोग की ओर से वर्ष 2006 से लेकर वर्ष 2011 के दौरान कई बार चुनाव खर्च की सीमा को लेकर तीन बार वृद्धि की गई है। आयोग के सूत्रों के अनुसार तहसील पंचायत के चुनाव के लिए वर्ष 2006 में खर्च सीमा 60 हजार और जिला पंचायत के चुनाव के लिए खर्च सीमा डेढ़ लाख निर्धारित की गई थी। वर्ष 2009 में तहसील पंचायत के लिए यह खर्च सीमा 75 हजार व जिला पंचायत के लिए डेढ़ लाख रुपए नियत की गई थी। दो बार की वृद्धि के बाद राजनीतिक दलों की ओर से इस मुद्दे पर गुहार लगाई गई। वर्ष 2011 में एक बार फिर चुनावी खर्च सीमा बढ़ा दी गई। इसके तहत जिला पंचायत के लिए सवा लाख और जिला पंचायत के लिए ढाई लाख की सीमा तय की गई थी।
राज्य चुनाव आयोग ने पाया कि चुनावों में तय सीमा की रकम के खर्च के बाद कई उम्मीदवारों की ओर से खर्च का हिसाब नहीं पेश किया जाता है। आयोग की ओर से चुनाव परिणाम के आने के एक महीने में हिसाब पेश करने की बात कही गई है। अधिकारियों से कहा गया है कि हिसाबों की जांच भी नियत समय सीमा में पूरी करें।
राज्य की दो जिला पंचायतों-बनासकांठा व खेड़ा तथा 17 तहसील पंचायतों के चुनाव 21 फरवरी को होने वाले हैं। इसके अलावा कुछ अन्य जिला पंचायतों व तहसील पंचायतों की सीटों के उपचुनाव भी इसी दिन होंगे।