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गुजरात की पहल : पहली बैच के 133 एफएसओ देंगे एनओसी

locationअहमदाबादPublished: May 07, 2021 09:51:08 am

Submitted by:

Pushpendra Rajput

fire officers, NOC, Gujarat news, core commitee, covid hospitals: मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कोर कमेटी की बैठक. गुजरात के कोविड हॉस्पिटलों में फायर एनओसी, जांच और जस्टिस डीए मेहता जांच आयोग की सिफारिशों पर चर्चा

गुजरात की पहल : पहली बैच के 133 एफएसओ देंगे एनओसी

गुजरात की पहल : पहली बैच के 133 एफएसओ देंगे एनओसी

गांधीनगर. राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति और उसके निवारण के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में आयोजित कोर कमेटी की बैठक में राज्य के कोविड-19 हॉस्पिटलों में फायर एनओसी, जांच और जस्टिस डीए मेहता जांच आयोग की सिफारिशों को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में कहा गया कि राज्य के नगरों और महानगरों में स्थित कोविड हॉस्पिटलों की आग दुर्घटना के दृष्टिकोण से जांच शुरू की गई है और ऐसे 1350 से अधिक हॉस्पिटलों की जांच गत एक सप्ताह के दौरान पूरे राज्य में की गई है।
होंगी मॉकड्रिल

मुख्यमंत्री रूपाणी ने राज्य के शहरी विकास और शहरी गृह निर्माण विभाग तथा दमकल विभाग के अधिकारियों को सुझाव दिया कि वे कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालात में राज्य के हॉस्पिटलों में आग की आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में उठाए जाने वाले एहतियाती कदम, ध्यान रखने योग्य बातें और राहत बचाव कार्य के लिए मोक ड्रिल का आयोजन करें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हॉस्पिटल के स्टाफ को अग्निशमन उपकरणों के उपयोग का प्रशिक्षण भी समयबद्ध तरीके से दिया जाए।
कोर कमेटी की इस बैठक में शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, ऊर्जा मंत्री सौरभभाई पटेल, विधि राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा, पंचायत राज्य मंत्री जयद्रथसिंह परमार, मुख्य सचिव अनिल मुकीम, अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार, डॉ. राजीव कुमार गुप्ता और स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव डॉ. जयंती रवि सहित कई वरिष्ठ सचिव उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने जस्टिस डी.ए. मेहता जांच आयोग की सिफारिशों के संदर्भ में विचार-विमर्श के दौरान कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में विधानसभा में क्लीनिकल प्रतिष्ठान (पंजीकरण एवं नियमन) अधिनियम पारित किया है।
फायर सेफ्टी प्रमाणपत्र देने की नई प्रणाली
मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि गुजरात ने फायर सेफ्टी यानी अग्नि सुरक्षा के संबंध में अनोखी पहल कर राज्य के युवा इंजीनियरों के निजी फायर सेफ्टी ऑफिसर (एफएसओ) के तौर पर प्रशिक्षण और पंजीयन की व्यवस्था विकसित की है। इसके साथ ही ऐसे एफएसओ जांच के बाद विभिन्न श्रेणियों की इमारतों के फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट का नवीनीकरण कर सकें ऐसी पारदर्शी प्रणाली स्थापित की है।
इसके अंतर्गत राज्य में सामान्य श्रेणी में 88 एफएसओ, एडवांस में 19 एफएसओ और स्पेशियलिटी में 26 एफएसओ मिलाकर पहली बैच में कुल 133 एफएसओ पंजीकृत हुए हैं। उन्हें दमकल उपकरणों की जांच, अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) और मॉक ड्रिल के लिए प्रशिक्षण देकर तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि क्रिटिकल मेडिकल उपकरणों के अवधिपार होने के बाद इस्तेमाल को रोकने तथा विद्युत आपूर्ति से जुड़े महत्वपूर्ण मेडिकल उपकरणों को आंतरिक सर्किट में ओवर हीटिंग को रोकने के लिए बदला जाए, यह सुनिश्चित करने को लेकर भी जांच आयोग की सिफारिश के संदर्भ में राज्य सरकार जरूरी कार्यवाही करेगी।
ब्यूरो ऑफ स्टैंडर्ड (बीआईएस) की ओर से प्रकाशित किए गए आईएस-2190 का फायर के मामले में अमल करने, अग्निशमन यंत्रों का निरीक्षण, रखरखाव, फायर एनओसी, फायर सेफ्टी और नर्सिंग होम तथा हॉस्पिटल स्टाफ को फायर का प्रशिक्षण आदि के संदर्भ में भी इस बैठक में चर्चा की गई।
अग्निशमन विभाग की गई नियुक्तियां
बैठक की चर्चाओं के दौरान बताया गया कि राज्य की महानगर पालिका और नगर पालिकाओं में अग्निशमन विभाग के लिए कुल 2365 रिक्तियों पर कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी गई है और शेष स्थानों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।

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