यह था मामला
जानकारी के अनुसार नानामवा क्षेत्र में एवं १५० फीट रिंग रोड पर आस्था चौकड़ी पर महानगरपालिका (मनपा) की ओर से ट्रैफिक सर्कल जनभागीदारी से विकसित की गई हैं। इस दौरान दोनों स्थलों पर १४ अप्रेल को स्थानीय लोगों ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमाएं स्थापित कर दी गई। बिना किसी मंजूरी व प्रस्ताव किए बिना ही (प्रतिमा स्थापित करने लिए मनपा के जनरल बोर्ड में प्रस्ताव पारित करना पड़ता है, ऐसा कानून है) प्रतिमाएं स्थापित की गई, जो गुरुवार तक रही। बाद में गुरुवार देर रात को मनपा प्रशासन ने पुलिस बंदोबस्त के साथ दोनों स्थलों से अंबेडकर की प्रतिमाएं हटा दी गई। शुक्रवार सुबह दोनों स्थलों से प्रतिमा हटाने की जानकारी मिली ती स्थानीय लोग रोड़ पर उतर गए।
टायर जलाए, दो कारों में तोडफ़ोड़
शहर के कालावाड रोड, मोटा मवा, आस्था चौकड़ी, राजनगर, लक्ष्मीनगर सहित क्षेत्रों में दलित समाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए। कालावाड रोड मोटामवा के पास टायर चलाकर प्रदर्शन किया। आक्रोशित लोगों ने दो कारों में भी तोडफ़ोड़ की। स्थिति को देखते हुए पुलिस आयुक्त अनुपमसिंह गहलोत के निर्देश पर शहर के विभिन्न स्थलों पर बंदोबस्त तैनात किया गया।
बस रोकने का प्रयास
शहर के १५० फीट रिंगरोड पर पुनितनगर क्षेत्र में आक्रोशित लोगों ने बीआरटीएस बस को रोकने का प्रयास किया। मनपा के अधिकारी एवं पुलिस प्रशासन की टीम स्थल पर पहुंची और मामले को शांत कराते हुए मार्ग सुचारू कराया।
राजनगर में दो हजार से अधिक लोगों की भीड़ ने नारेबाजी की और आस्था चौकड़ी के निकट चक्काजाम किया और अंबेडकर की प्रतिमा को स्थापित करने की मांग की। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने रामधुन शुरू कर दी। दलित समाज के युवक ने हाथ में ब्लेड से ‘जय भीमÓ लिखकर प्रदर्शन किया। शुक्रवार दोपहर को कालावाड रोड पर मोटामवा के निकट एसटी बस पर पथराव किया गया, जिसके कारण बस के शीशा टूट गए। प्रदर्शन के चलते एसटी विभाग ने कुछ बसों के मार्ग में परिवर्तन किया था।
पांच दिनों में एक प्रतिमा को स्थापित करने पर बनी बात
प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार शाम तक प्रतिमाओं को स्थापित करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया तो आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। इस बीच मनपा आयुक्त बंछानिधि पाणि एवं दलित समाज के अग्रणियों के बीच बैठक की गई, जिसमें मनपा आयुक्त ने आगामी पांच दिनों में एक प्रतिमा को स्थापित करने का निर्णय किया है। बैठक में तय किया गया कि दोनों प्रतिमाओं को वापिस किया जाएगा और पांच दिनों के भीतर दोनों स्थलों में से किसी एक स्थल पर प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जबकि दूसरी प्रतिमा को हटाया जाएगा। स्थल का चयन किया जाएगा।