अहमदाबाद. राज्य के गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के स्वास्थ्य को
ध्यान में रखकर शुरू की गई महत्वपूर्ण योजनाओं का दायरा बढ़ाया गया है। गुजरात विधानसभा में मंगलवार को पेश किए गए बजट में जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई अहम घोषणा की गई हैं। इनमें री-रिप्लेसमेंट और हिप रिप्लेसमेंट के लिए दी जाने वाली मदद पहली बार है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री नितिन पटेल ने बजट के दौरान कहा कि राज्य में नागरिकों की आयु बढ़ी है। जिससे बुजुर्गों की संख्या बढऩे से घुटने व कमर दर्द आम बात है। इसे ध्यान में रखकर नी-रिप्लेसमेंट एवं हिप-रिप्लेसमेंट के लिए सरकार ने दोनों पैरों के लिए ८० हजार रुपए तक की मदद करने का निर्णय किया है। एक पैर के लिए ४० हजार रुपए की सहायता दी जाएगी। राज्य के तीन करोड़ लोगों को यह लाभ मिल सकेगा।
अब तीन लाख की आय तक मिलेगा लाभ
जिन नागरिकों की वार्षिक आय ढाई लाख रुपए है उन्हें मुख्यमंत्री अमृतम एवं मां वात्सल्य योजनाओं में शामिल किया जा रहा है। अब वार्षिक आय तीन लाख रुपए तक होगी तो भी इन योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। दूसरी ओर साठ वर्ष से अधिक आयु वाले नागरिकों को वार्षिक छह लाख की आय तक भी इन योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। इन योजनाओं के अन्तर्गत फिलहाल गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए सरकार की ओर से दो लाख रुपए तक की सहायता की जाती है लेकिन इसे बढ़ाकर अब तीन लाख रुपए कर दिया गया है।
ट्रान्सप्लान्ट की सहायता राशि तीन लाख बढ़ाई
किडनी, लीवर एवं पैन्क्रियाज के प्रत्यारोपण के लिए सरकार की ओर से वहन की जाने वाल दो लाख की राशि को बढ़ाकर अब पांच लाख रुपए तक कर दिया है। इसमेेें दवाइयां व ऑपरेशन का खर्च शामिल है।
एम्बुलेंस सेवा में वृद्धि
नवजातों को गंभीर बीमारी के समय उन्हें बड़े अस्पतालों में ले जाने के लिए नियोनेटल एम्बुलेंस सर्विस शुरू की जाएगी। इन्टर हॉस्पिटल ट्रान्सफर के लिए इस तरह की एम्बुलेंस सभी जिलों में चलाई जाएंगी। इसके लिए तीन करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं। राज्य में इमरजेंसी १०८ सेवा की नई सौ एम्बुलेंस खरीदी जाएंगी, जिसके लिए २२ करोड़ रुपए का प्रावधान है। समुद्र तट के आसपास के क्षेत्रों में बोट एम्बुलेंस सेवा शुरू की जाएगी। इसके लिए दो करोड़ रुपए का प्रावधान है। जच्चा-बच्चा को अस्पताल से घर तक छोडऩे वाले २०० खिलखिलाहट वाहन खरीदे जाएंगे। इसके लिए आठ करोड़ रुपए का प्रावधान है। इन्टर हॉस्पिटल ट्रान्सफर के लिए १५ नई एम्बुलेंस लाई जाएंगी। इसके लिए चार करोड़ का प्रावधान है।
निशुल्क स्वास्थ्य जांच पर जोर
मुख्यमंत्री निदान योजना के अन्तर्गत राज्य की स्वास्थ्य संस्थाओं में अलग-अलग तरह की डाइग्नोसिस सेवाओं को निशुल्क किया जाएगा। बजट में मौसमी बीमारी जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, सीजनल फ्लू की रोकथाम के लिए १२९ करोड़ रुपए का प्रावधान है। कम वजन के साथ जन्म लेने वाले बच्चों के उपचार वाली बालसखा-३ योजना का दायरा बढ़ाने के लिए ५९ करोड़ रुपए का प्रावधान।
६४२ प्रकार की दवाइयां होंगी निशुल्क
उप स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में ६४२ प्रकार की दवाइयों को निशुल्क प्रदान किए जाने की घोषणा की है। इसके लिए ४७० करोड़ रुपए का प्रावधान है।
‘गोल्डन अवरÓ के लिए विशेष योजना
दुर्घटना के बाद प्रथम गोल्डन अवर में उपाचर देकर मरीज को बचाने के लिए विशेष योजना के लिए तीस करोड़ रुपए का प्रावधान है।
आयुर्वेद से कुपोषण का उपचार
आयुर्वेद रसायन चिकित्सा कार्यक्रम के अन्तर्गत कुपोषण के उपचार के लिए एक करोड़ रुपए का प्रावधान।
अखंडानंद अस्पताल की बनेगी नई इमारत
अहमदाबाद के लालदरवाजा क्षेत्र में स्थित अखंडानंद आयुर्वेद अस्पताल की नई इमारत बनाने के लिए दस करोड़ का प्रावधान है। यह अस्पताल काफी पुरानी इमारत में चल रहा है। राज्य सरकार की ओर से चेरीटेबल ट्रस्ट संचालित अस्पतालों को अनुदान दिया जाता है। बजट में घोषणा की गई है कि अब नए चेरीटेबल ट्रस्ट संचालित अस्पतालों को भी सायता दी जाएगी। इसके लिए ३९ करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं। राज्य की छह सरकारी आयुर्वेद कॉलेजों की प्रवेश क्षमता सीट साठ से बढ़ाकर सौ करने के लिए दो करोड़ रुपए का प्रावधान है। अहमदाबाद सिविल अस्पताल परिसर में रेन बसेरा तथा राजकोट स्थित पीडीयू अस्पताल में ५०० पलंगों वाले मदर एंड चाइल्ड अस्पताल के निर्मण के लिए ४६ करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं। अहमदाबाद स्थित किडनी अस्पताल में परफ्यूजन लेबोरेटरी तैयार की जाएगी। इस लेबोरेटरी के माध्यम से ट्रान्सप्लान्ट होने वाले अंगों की क्षमता को परखा जा सकेगा।
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