पहले बनें स्मार्ट सिटीजन, तब अहमदाबाद होगी स्मार्ट सिटी : हाईकोर्ट
-उच्च न्यायालय की टिप्पणी, नागरिकों को निभाना होगा अपना कर्तव्य

अहमदाबाद. शहर के अनियंत्रित ट्रैफिक व बेतरतीब पार्किंग के मुद्दे को लेकर एक तरफ पहले जहां गुजरात उच्च न्यायालय ने अहमदाबाद महानगरपालिका प्रशासन के साथ-साथ पुलिस विभाग से खूब नारागजी जताते हुए फटकार लगाई थी वहीं अब इस बार न्यायालय ने नागरिकों से अपील की कि वे प्रशासन का सहयोग करते हुए एक नागरिक के रूप में अपना कर्तव्य निभाएं। खंडपीठ ने यह भी टिप्पणी की कि पहले शहर के आम लोगों को स्मार्ट सिटीजन बनना पड़ेगी तभी अहमदाबाद सही अर्थों में स्मार्ट सिटी होगी।
न्यायाधीश एम. आर. शाह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए यह अवलोकन किया कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वे कानून व नियमों का पालन करें। अब आम नागरिकों को अपना व्यवहार बदलने की जरूरत है।
खंडपीठ के मुताबिक इस मामले को लेकर सभी को संयुक्त रूप से कार्य करना चाहिए। सिर्फ सरकारें या पुलिस विभाग या प्रशासन से यह काम संभव नहीं हो सकेगा। सरकार, विभाग और आम नागरिकों के संयुक्त प्रयास से ही अहमदाबाद स्मार्ट सिटी बन सकेगा। सही अर्थों में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए प्रत्येक नागरिकों को स्मार्ट सिटीजन की तरह व्यवहार करना होगा।
इसके लिए प्रशासन को मिलकर आम लोगों में जागरूकता फैलानी होगी। इसके तहत पुलिस विभाग को स्कूलों का संपर्क करना होगा। स्कूलों में विद्यार्थियों को संवेदनशील करना पड़ेगा। ट्र्रैफिक विभाग ने कई सकारात्मक कदम उठाए हैं। हालांकि इसमें भी कुछ और बेहतर करने की जरूरत है। इसके लिए आम नागरिकों को आगे आना होगा और उन्हें प्रशासन के साथ सहयोग करना होगा।
इस तरह अब मामला आम नागरिकों के समक्ष है। इन नागरिकों को भी प्रशासन की कार्रवाई के साथ कदम में कदम मिलाना होगा और इसे एक आंदोलन का रूप देना होगा।
इससे पहले भी खंडपीठ ने इस संबंध में अवलोकन किया था कि शहर को स्मार्ट बनाना नागरिकों के साथ-साथ रहनेवाले लोगों का भी कर्तव्य है।
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