सिर्फ प्राथमिकी के आधार पर नियत वेतनकर्मी को नहीं किया जा सकता बर्खास्त
अहमदाबादPublished: May 19, 2019 12:04:50 am
-कर्मी को फिर से नौकरी पर लेने के निर्देश
सिर्फ प्राथमिकी के आधार पर नियत वेतनकर्मी को नहीं किया जा सकता बर्खास्त
अहमदाबाद. राज्य सरकार के परिवहन विभाग की ओर से रिश्वत के आरोपी नियत (फिक्स) वेतन कर्मचारी को बर्खास्त करने के निर्णय को रद्द करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा है कि सिर्फ प्राथमिकी को आधार बनाकर नियत वेतन कर्मी को बर्खास्त नहीं किया जा सकता। इन परिस्थितियों में पूरी जांच के बिना उसे बर्खास्त नहीं किया जा सकता। कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का अमल होने की राज्य सरकार की दलील उचित नहीं मानी जा सकती। सिर्फ नोटिस जारी करना ही उचित नहीं है। याचिकाकर्ता कर्मचारी के खिलाफ न तो कोई जांच नहीं की गई और न ही आरोप तय किए गए।
न्यायालय ने इस प्रकार के मामले में यह फैसला दिया है कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के आधार पर कर्मचारी को बर्खास्त करने से पहले कारण बताओ नोटिस जारी कर कर्मचारी के खिलाफ उचित आरोप तय किए जाने के बाद पूरी जांच करनी चाहिए।