ईंधनों पर सेस (उपकर) कम करने के सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि सेस कम करने इसके यह समय तय करने की बड़ी दुविधा है कि कब तक पेट्रोल व डीजल पर करों को कम किया जा सकेगा। यह सिर्फ सेस (उपकर) की बात नहीं है। एक तरफ केन्द्र के पास उत्पाद कर (एक्साइज ड्यूटी) है वहीं राज्य के पास वैट है। हम यह सोचते हैं कि कौन ज्यादा कमाई करता है।लेकिन केन्द्र व राज्य दोनों के लिए राजस्व का विचार है।
उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह यह विश्वास करती हैं कि केन्द्र व राज्य में प्रतिस्पर्धा अब नहीं है।यदि उपभोक्ता को कम पैसा खर्च करना पड़े तो उन पर यह बोझ कम होना चाहिए। यदि हम यह चाहते हैं कि उपभोक्ताओं पर कोई बोझ नहीं पड़े तो इसके लिए केन्द्र व राज्यों को बातचीत करनी होगी।
उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह यह विश्वास करती हैं कि केन्द्र व राज्य में प्रतिस्पर्धा अब नहीं है।यदि उपभोक्ता को कम पैसा खर्च करना पड़े तो उन पर यह बोझ कम होना चाहिए। यदि हम यह चाहते हैं कि उपभोक्ताओं पर कोई बोझ नहीं पड़े तो इसके लिए केन्द्र व राज्यों को बातचीत करनी होगी।