इससे पूर्व राहुल गांधी ने अक्षरधाम मंदिर में स्वामीनारायण के दर्शन कर संतों का आशीर्वाद लिया। राहुल ने कहा कि कांग्रेस उस समय ही रुकेगी, जब देश गब्बर सिंह टैक्स से मुक्त हो जाएगा। हम पांच अलग-अलग टैक्स स्लैब नहीं चाहते हैं, सिर्फ एक स्लैब चाहते हैं। जीएसटी में बुनियादी सुधार की जरूरत है। 18 फीसदी के साथ एक स्लैब के लिए संघर्ष कांग्रेस जारी रहेगा। जीएसटी और नोटबंदी से काफी लोग बेरोजगार हो गए।
बोलने वालों को जेल
उन्होंने सूरत के व्यापारियोंं का जिक्र करते कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार छोटे उद्यमियों को भूल गई है। व्यापारी आंदोलन कर रहे है, लेकिन सरकार उनकी नहीं सुनती। हिम्मतनगर में राहुल गांधी ने दरवाजे बगैर की इमारत का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसी ही इमारतों में निर्णय करते हैं। वे हर माह हिन्दुस्तान की जनता से रेडियो पर मन की बात करते हैं, लेकिन वे जनता के बीच नहीं आते। मोदी अपने भाषणों में हमेशा कहते हैं कि वे न खाते हैं और न खाने देते हैं, लेकिन मोदी ना बोलते हैं और ना ही बोलने देते हैं और जो कोई बोलता है, उसे जेल में धकेल देते हैं। राहुल गांधी के साथ रोड शो में गुजरात कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत , प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी समेत कई नेता मौजूद हैं। पढ़ें गब्बर ञ्च पेज ११
अक्षरधाम मंदिर में शीश झुकाया
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का काफिला अहमदाबाद से सीधे अक्षरधाम मंदिर पहुंचा। महंत ने उनका स्वागत कर पूजा कराई। राहुल ने स्वामीनारायण भगवान के सामने सर झुकाया और प्रदर्शनी भी देखी। उन्होंने अक्षरधाम मंदिर के महंतों से बातचीत भी की।
ढाबे पर ली चाय की चुस्की
छाला गांव के बीच चन्द्राला गांव के निकट राहुल का काफिला एक ढाबे पर रुका, जहां उन्होंने अशोक गहलोत, भरतसिंह सोलंकी, शक्तिसिंह गोहिल के साथ भजिया, फाफड़ा और जलेबी का लुफ्त उठाया और चाय की चुस्की ली। वहां अलग ही नजारा दिखा। जब उनके टेबल पर चाय की प्लेट आई तो उन्होंने खुद ही चाय सर्व की। उधर,अमरेली के विधायक परेश धानाणी ने चाय की स्टॉल पर खुद चाय बनाई।
लगे मोदी-मोदी के नारे
राहुल यात्रा के दौरान जब हिम्मतनगर पहुंचे तो उन्हें कुछ लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। कई भाजपा समर्थकों ने उनके काफिले को काले झंडे दिखाए और मोदी-मोदी के नारे लगाए।
नोटबंदी सफल तो जश्न लोग मनाते!
भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि .. अगर नोटबंदी से लोग खुश होते तो जश्न सरकार नहीं, लोग मना रहे होते..।