उन्होंने कहा कि केन्द्र में कांग्रेस की सरकार ने वर्ष 2012-13 में देश की जनता को राहत देने के लिए गैस सिलेण्डर में 39,558 करोड़ सब्सिडी दी थी। वर्ष 2013-14 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने 46,458 करोड़ की सब्सिडी जनता को दी थी, लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2015-16 में 18 करोड़ और वर्ष 2016-17 में सब्सिडी शून्य कर दी। रसोई गैस के दामों में भाजपा सरकार ने ढाई गुना तक बढ़ोतरी कर दी है। महंगी शिक्षा, महंगा स्वास्थ्य सुविधा, बीमा कंपनी के बढ़ते प्रीमियम और महंगाई के हिसाब से वेतन नहीं बढऩे से आमजन परेशान हो चुका है।
केन्द्र की भाजपा सरकार ने पिछले सात वर्षों में पेट्रोल-डीजल, गैस पर उत्पाद शुल्क में 300 फीसदी तक बढ़ोतरी की है। वर्ष 2014 में जब केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी तब पेट्रोल पर 9.20 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 3.46 रुपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क वसूला जाता था, लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता संभालने के बाद उत्पाद शुल्क ड्यूटी पर 23.7 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 28.34 रुपए प्रति लीटर तक भारी भरकम बढोतरी की है। इसके चलते पेट्रोल पर 32.90 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपए प्रति लीटर तक कुल उत्पाद शुल्क पहुंच गया है। पिछले वर्ष पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव नुकसान होने के भय से भाजपा सरकार ने 4 नवम्बर को पेट्रोल पर पांच रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपए उत्पाद शुल्क घटाया था। उस समय भाजपा नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने भ्रामक प्रचार किया था।