सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एम.एम. प्रभाकर ने बताया कि जर्मन महिला को शुक्रवार को बेहोशी की अवस्था में एम्बुलेंस से लाया गया, जिसे यहां ट्रोमा सेंटर में भर्ती किया गया। मेडिकल हिस्ट्री बता रही है कि महिला को पूर्व में ब्रेस्ट कैंसर था, जिसका ऑपरेशन भी किया जा चुका था।
फिलहाल उसे स्ट्रोक की शिकायत थी और उसी के चलते वह बेहोशी हुई है। वह आईसीयू में है और उनकी सीटी स्कैन जैसी कई जांचें की गईं हैं। हाल में उनके पास अपना कोई नहीं है। यह भी पता नहीं चल पाया है कि वह भारत में किसके साथ आई थीं। सूत्रों के अनुसार उनका पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज सिविल अस्पताल में मेडिकल अधिकारी को सौंपे गए हैं। फिलहाल उनका उपचार चल रहा है। अस्पताल की मेडिकल विभागाध्यक्ष डॉ. आशाबेन शाह के अनुसार अभी महिला की हालत में सुधार नहीं हुआ है। महिला के बारे में जर्मन के राजदूत को अवगत कराने की प्रक्रिया की जा रही है। इस संबंध में शाहीबाग पुलिस को भी अवगत कराया गया है।
आधा अक्टूबर के बाद भी गर्मी से राहत नहीं
इन दिनों जिस तरह की गर्मी महसूस हो रही है उससे लगता है मानों मई जून के महीने हों। अक्टूबर माह के आधे दिन निकलने के बावजूद गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। राज्य के कच्छ जिले के भुज में रविवार को पारा ४२ डिग्री को भी पार कर गया। इस बार वर्षों के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। गर्मी का जोर अहमदाबाद शहर में भी कम नहीं है। रविवार को जहां तापमान ३८ डिग्री रहा। वहीं हवा में आद्र्रता भी ६३ फीसदी तक पहुंच गई।
चिलचिलाती धूप के बीच उमस भरी गर्मी से लोग काफी परेशान नजर आ रहे हैं। आमतौर पर अक्टूबर माह में गर्मी का जोर काफी कम हो जाता है। इस बार की गर्मी ने मई जून के माह याद दिला दिए हैं। गुजरात के कई जगहों पर गर्मी ऐसी कि पिछले दस वर्ष (अक्टूबर) में भी नहीं पड़ी। उधर, भुज में तापमान रविवार को भी ४२.३ डिग्री पर पहुंच गया है। कच्छ के ही कंडला एयरपोर्ट पर ३९.२ तो राजधानी गांधीनगर और डीसा में भी पारा ३९ डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह सौराष्ट्र के राजकोट में तापमान ३८ डिग्री के पार पहुंच गया।