चार जोनों में विभाजित परिक्रमा मार्ग
पूरी परिक्रमा का चार जोनों में विभाजन किया गया है। जूनागढ़ डीएफओ सुनील बेरीवाल, एसीएफ बी. के. खताना, आरएफओ एवं फोरेस्टर परिक्रमा मार्ग पर तैनात हैं। वन विभाग ने किया परिक्रमा मार्ग का निरीक्षण
जूनागढ़. जूनागढ़ में शुरू होने वाली गिरनार की ३६ किलोमीटर की परिक्रमा में पेयजल किल्लत की समस्या पैदा होने की आशंका है।
परिक्रमा मार्ग का निरीक्षण एवं वन विभाग की ओर से मार्ग पर की गई व्यवस्था का निरीक्षण लेने के लिए वन विभाग के साथ-साथ पत्रकार भी गए थे। इस दौरान पानी के स्त्रोत कम दिखाई दिए थे, जिससे लगता है कि पानी की किल्लत हो सकती है।
इस समय अपर्याप्त बारिश के कारण मार्ग पर प्राकृतिक रूप से बहने वाले जलस्त्रोत कम दिखाई दिए। नदी-नाले व झरने सूख गए हैं, जो गत वर्ष बह रहे थे। परिक्रमा में करीब ६ से ७ लाख पदयात्री आते हैं, ऐसे में उनके लिए पानी की व्यवस्था करना प्रशासन तंत्र के सामने चुनौतीपूर्ण रहेगा।
गिरनार में ५० शेर :
गिरनार के जंगल में ५० शेर रहते हैं। ऐसे में शेरों को परिक्रमा मार्ग पर से दूर रखने के लिए १५० वनकर्मियों को तैनात रखा जाएगा।
गिरनार के जंगल में ५० शेर रहते हैं। ऐसे में शेरों को परिक्रमा मार्ग पर से दूर रखने के लिए १५० वनकर्मियों को तैनात रखा जाएगा।