घपले की राशि वापस लेना मुश्किल
नीरव मोदी व गीतांजलि ज्वैलर्स का घपला कितने करोड़ का होगा? इस सवाल के जबाव में उन्होंने बताया कि सही आंकड़ा जांच के बाद ही उजागर होगा। जांच एजेन्सियां कितने समय तक जांच करती हैं, यह उन पर निर्भर है। इन घपलेबाजों ने किसी बैंक को नहीं छोड़ा। घपले की सही राशि अभी कोई नहीं बता सकता। घपले की राशि वापस लेना मुश्किल है। इसके लिए अनेक वर्षों तक और कोर्ट में रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
दुबे ने बताया कि इलाहाबाद बैंक के निदेशक के तौर पर 1 अगस्त 2012 को उनकी नियुक्ति हुई। इसके बाद दिल्ली में हुई बैंक अधिकारियों की बैठक में उन्होंने हिस्सा लिया था। बैठक में ऋण के संबंध में चर्चा हुई, जिसमें उन्होंने ऋण देने का विरोध किया था। बैंक में चल रहे इस घपले के संबंध में वित्त मंत्रालय एवं आरबीआई के अधिकारियों को पत्र लिखा था, लेकिन योग्य ध्यान नहीं दिया गया।
उल्लेखनीय है कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में नीरव मोदी के घोटाले की जांच वडोदरा में भी शुरू हुई थी। यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने गत सोमवार को सर्वे किया। शहर में गोरवा क्षेत्र स्थित ईनओर्बिट मॉल में गिली गोल्ड के आउटलेट पर ईडी की टीम के सात अधिकारियों ने सोमवार को सर्वे किया था। आउटलेट में गहनों की व गहने लाने के समय की जानकारी के साथ ही खातों की जांच भी की थी। इस बीच, इस घोटाले की जांच में जुटे ईडी के अधिकारियों ने इलाहबाद बैंक के पूर्व निदेशक दिनेश दुबे के बयान भी दर्ज किए थे। शहर के निजामपुरा में आर्य रेसीडेन्सी में पुत्री के घर पर रह रहे दिनेश दुबे को ईडी के अधिकारियों ने बयान दर्ज करवाने के लिए दिल्ली बुलाया था। दिल्ली ना पहुंचने के कारण ईडी की टीम में शामिल अधिकारियों ने वडोदरा पहुंचकर दिनेश दुबे के बयान दर्ज किए थे।