पीडीपीयू के स्कूल ऑफ लिबरल साइंस के प्राध्यापक प्रो. प्रदीप मलिक ने सामाजिक न्याय, पंचायती राज और ग्रामीण विकास की गांधीवादी अवधारणा पर अपने मंतव्य व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गांधी के अनुसार सभी लोगों के कल्याण में ही व्यक्ति का कल्याण निहित है।
केन्द्रीय विश्वविद्यालय गुजरात के गांधी विचार एवं शांति अध्ययन केन्द्र के सहायक प्राध्यापक प्रो.धनंजय राय ने कहा कि महात्मा गांधी कोर्ट को एक प्रयोगशाला के रूप में उपयोग में लेते थे।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित इस परिचर्चा में साबरमती आश्रम की झंखनाबेन ने जीएनएलयू पहुंचकर विद्यार्थियों को चरखे की अहमियत बताई और चरखे से सूत कातना सिखाया।