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राज्यपाल ने कहा, ऑर्गेनिक खेती के नाम पर आज बहुत कुछ हो रहा

locationअहमदाबादPublished: Sep 05, 2019 06:23:01 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

-ऑर्गेनिक या जैविक कृषि खेती में तीन वर्ष तक उत्पादन घटता है और कृषि की लागत बढ़ती है

राज्यपाल ने कहा,  ऑर्गेनिक खेती के नाम पर आज बहुत कुछ हो रहा

राज्यपाल ने कहा, ऑर्गेनिक खेती के नाम पर आज बहुत कुछ हो रहा

गांधीनगर. गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि जैविक खेती करने के लिए एक एकड़ जमीन में 60 किलो नाइट्रोजन, 300 क्विंटल गोबर का खाद, लगभग 15 पशुधन और 150 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट चाहिए। यह सब असंभव है। इतना पशुधन भी नहीं है जबकि इतनी मात्रा में गोबर खाद से मीथेन व अन्य गैसों का प्रदूषण भी होता है। ऑर्गेनिक या जैविक कृषि खेती में तीन वर्ष तक उत्पादन घटता है और कृषि की लागत बढ़ती है। पांच वर्ष तक जैविक खेती की लेकिन संतोष नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि आज ऑर्गेनिक खेती के नाम पर बहुत कुछ हो रहा है। सभी पद्धतियों में किसानों की जेब से पैसा जाता है। एक ऐसे उपाय की जरूरत थी कि गांव का पैसा गांव में रहे और शहर का पैसा भी गांव में आए, सुभाष पालेकर ने यह मार्ग प्राकृतिक कृषि के जरिए बताया है।
उन्होंने देसी गाय के गोबर, गोमुत्र, गुड़, बेसन और मिट्टी के मिश्रण से चार दिनों में तैयार होने वाले जीवामृत की खूबियां भी बतलाई। देसी गाय के एक ग्राम गोबर में 300 करोड़ जीवाणु होते हैं जो कृषि के लिए अहम हैं। जीवामृत-घन जीवामृत में ऐसे करोड़ों जीवाणु होते हैं जो फसल के साथ सहजीवन कर उसे पोषण प्रदान करते हैं।

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