वैसे तो आचार संहिता लागू होने के बावजूद शनिवार तक नितिन पटेल के शहर में कई स्थानों पर पोस्टर लगाए गए थे। किसी अज्ञात व्यक्ति ने शनिवार रात को शहर के राधनपुर रोड गोपीनाळा सहित रेलवे स्टेशन रोड पर लगे पोस्टरों पर स्याही पोत दी। मामले की जानकारी पर रविवार सुबह इन्हें उतार लिया गया। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं में रोष है।
पैरोल पर छूटने के बाद से वांछित गुलबर्ग कांड के तीन दोषी को पकड़ा
गोधराकांड के बाद वर्ष २००२ में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में हुए हत्याकांड में दोषी करार दिए जाने के बाद पैरोल पर छूटने के बाद से फरार चल रहे तीन दोषियों को पुलिस ने पकड़ा है।
इसमें दरियापुर मूलजी पारेख की पोल निवासी कैलाश लालचंद धोबी और चमनपुरा डॉ.गांधी की चाली निवासी योगेन्द्र सिंह शोखावत को विशेष अदालत ने आजीवन कैद की सजा सुनाई थी, जबकि असारवा रामचंद्र कोलोनी निवासी दिलीप उर्फ कालू परमार को सात साल कैद की सजा सुनाई है। कैलाश २७ सितंबर से नौ अक्टूबर तक और योगेन्द्र सिंह 14 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक पैरोल पर छूटा था। उसके बाद से दोनों जेल में हाजिर नहीं हुए और फरार चल रहे थे। दिलीप एक सितंबर २०१७ को पैरोल पर छूटा था। नौ सितंबर तक पैरोल की रजा थी। नौ सितंबर को उसे दोपहर 12 बजे के पहले जेल में उपस्थित होना था, लेकिन वह जेल में हाजिर नहीं होकर भागता फिर रहा था। मेघाणीनगर पुलिस ने इन तीनों ही कैदियों को साबरमती जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू की है।
पैसों को लेकर विवाद में माता व दो पुत्रों पर चाकू से हमला
पैसों को लेकर हुए विवाद में रामोल राजीवनगर टेकरा में पैसों को लेकर हुए विवाद में दो युवकों ने चाकू से माता व उसके दो पुत्रों पर तीक्ष्ण हथियार से वार कर दिया। जख्मी हालत में तीनों को एल.जी.अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं हमलावर की ओर से भी इस मामले में उसके ऊपर चाकू से वार किए जाने का आरोप लगाते हुए रामोल में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
राजीवनगर टेकरा निवासी सिद्दिक सैयद के भाई एहसान सैयद ने दो से तीन दिन पहले उसके मित्र का फोन गिरवी रखा था। रुपए हो जाने पर दस हजार रुपए देकर उसे वापस ले लिया। कुछ ही दिन में फोन वापस छुड़ा लेने से फोन देने के दौरान असलमखान पठान और आसिफखान पठान ने कहासुनी की थी।
इसके बाद शनिवार की शाम को तीक्ष्ण हथियार से उन पर हमला कर दिया। आरोपियों का कहना था कि 11 हजार रुपए देने थे तो 10 हजार रुपए ही क्यों दिए। ऐसा कहते हुए आरोपियों ने हमला कर दिया। इसमें सिद्दिक और उसके भाई एहसान व उनकी मम्मी बानोबीबी को भी चाकू लग गया। एहसान और बानोबीबी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। वहीं असलमखान पठान ने सिद्दिक व एहसान पर भी चाकू से हमला करने का आरोप लगाया है।