जीटीयू के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (जीसेट) के प्रोफेसर गौतम मकवाणा इसे विकसित कर रहे हैं। सुपर कंप्यूटर की मदद से उन्होंने इस स्वदेशी एंटेना की डिजाइन तैयार कर ली गई है। अब उसके फेब्रिकेशन और टेस्टिंग की कवायद की जा रही है। इसके लिए गुजरात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (गुजकोस्ट) की ओर से मकवाणा को 22 लाख रुपए का अनुदान आवंटित किया गया है। ये वायरलेस तकनीक वाला स्वदेशी एंटीना ५जी तकनीक में चीन के आधिपत्य को टक्कर देगा।
ये मोबाइल संचार के क्षेत्र में तो बेहतर परिणाम देगा ही कृषि क्षेत्र, स्वास्थ्य क्षेत्र व अन्य उद्यमों के लिए काफी मददगार होगा।
प्रो. गौतम मकवाणा बताते हैं कि उनकी ओर से तैयार किए जा रहे ५ जी तकनीक आधारित स्वदेशी एंटीना से एक किलोमीटर के क्षेत्र में प्रति सेकेन्ड एक से 10 लाख तक डिवाइस कनेक्ट हो सकेंगे। एक से 10 गीगाबिट स्पीड से ५०० से १००० टेराबाइट (टीबी) डाटा का आसानी से आदान-प्रदान किया जा सकेगा। इसके जरिए प्रति सेकेन्ड १० से ३० गीगाबिट (जीबी) डाटा ट्रांसफर किया जा सकेगा। यानि ४ जी की तुलना में १०० गुना ज्यादा की स्पीड मिलेगी। कृषि, स्वास्थ्य, उद्यम और संचार के क्षेत्र में यह बदलाव लाने वाला साबित होगा।
५ जी तकनीक की क्षमता बढ़ाने के लिए बनाया जा रहा स्वदेशी एंटीना कम्युनिकेशन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार बनेगा। इसमें जीटीयू का भी योगदान रहेगा।
-डॉ. नवीन शेठ, कुलपति, जीटीयू