जीटीयू की ओर से डीजी लॉकर में अपलोड किए गए ७ लाख से ज्यादा प्रमाण-पत्रों में सर्वाधिक प्रमाण-पत्र यूजी (डिग्री) कोर्स के हैं। यूजी के ३ लाख ३६ हजार ८७६ विद्यार्थियों के प्रमाण-पत्र अपलोड किए हैं। डिप्लोमा कोर्स के २५३१८४ प्रमाण पत्र, पीजी कोर्स के ९०११४, होटल मैनेजमेंट के २००, आर्किटेक्चर के १०४९ और पीएचडी के २६९प्रमाण-पत्र अपलोड किए हैं। २५३६९ सर्टिफिकेट अन्य डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स के अपलोड किए गए हैं।
डीजी लॉकर में विद्यार्थी के शिक्षा के प्रमाण-पत्र, डिग्री प्रमाण-पत्र होने से वह दुनियाभर में कहीं से भी आसानी से उन्हें डाउनलोड कर सकता है। इतना ही नहीं विवि परिसर में आए बिना ही ऑनलाइन डीजी लॉकर के माध्यम से उसका सत्यापन भी करवा सकता है। डीजी लॉकर आईटी एक्ट २००० के तहत वैश्विक स्तर पर मान्य है। जिससे इसमें अपलोड प्रमाण-पत्र की वैधता पर कोई सवाल ही नहीं उठता। इसमें प्रमाण-पत्र होने से वह सुरक्षित रहेंगे। इनके खोने या उन्हें नुकसान पहुंचने का डर भी नहीं रहेगा। इससे विद्यार्थियों का समय और खर्च दोनों की बचत होगी।
-डॉ नवीन शेठ, कुलपति, जीटीयू
जीटीयू के कुलपति नवीन शेठ और कुलसचिव डॉ के एन खेर ने कोरोना काल में भी डीजी लॉकर में प्रमाण-पत्र को अपलोड करने का कार्य नहीं रोकने पर विवि के आईटी प्रमुख केयुर शाह और प्रोग्रामर रूपेन्द्र चौरसिया व उनकी टीम की सराहना की। कहा कि अन्य सभी वर्षों की तुलना में २०२० में सबसे ज्यादा एक लाख से अधिक प्रमाण-पत्र अपलोड किए गए।
वर्ष २०११ में १८१५७, २०१२ में ४८१७०, २०१३ में ६२६८६, २०१४ में ७७८०७, २०१५ में ७३८२७, २०१६ में ९५७१६, २०१७ में ७७८८९, २०१८ में ७६८२९, २०१९ में ६९३२७, २०२० में १०६३३ प्रमाण-पत्र अपलोड किए।
विद्यार्थियों को डीजी लॉकर नाम की एप्लीकेशन में या ऑनलाइन जाकर अपना एकाउंट बनाना होगा। फिर गेट द डॉक्यूमेंट फ्रॉम यूनिवर्सिटी विकल्प पर क्लिक करना होगा। उसके बाद उन्हें अपना रोलनंबर डालना होगा और पास किए गए साल का चयन करना होगा। उसके बाद वे प्रमाण-पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। इसे शेयर भी कर सकते हैं।