अहमदाबाद

अब जीटीयू में इंजीनियरिंग, फार्मेसी, प्रबंधन में होगी पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च

GTU, Engineering, Management, Pharmacy, Post doctoral research fellowship, Phd, research रिसर्च को बढ़ावा देने की पहल, प्रति माह शोधार्थी को मिलेगी 50 हजार की फेलोशिप, पीएचडी करने वालों को भी 25 हजार मिलेंगे

अहमदाबादAug 27, 2021 / 09:27 pm

nagendra singh rathore

अब जीटीयू में इंजीनियरिंग, फार्मेसी, प्रबंधन में होगी पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च

अहमदाबाद. इनोवेशन, स्टार्टअप में देश में अग्रणी स्थिति वाले विश्वविद्यालयों में शुमार गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय (जीटीयू) ने अब शोध को बढ़ावा देने की पहल की है। जिसके तहत विदेशी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) के बाद पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च फेलोशिप को मंजूरी दी जाएगी। इंजीनियरिंग, फार्मेसी और प्रबंधन तीनों ही प्रमुख विषयों में पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च शुरू करने की मंजूरी जीटीयू की अकादमिक परिषद और बोर्ड ऑफ गर्वनर ने दे दी है।
जीटीयू में पहली बार पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च को मंजूरी दी गई है, ऐसे में ये बेहतर गुणवत्तावाली हो और उसे करने वाले विद्यार्थियों को आसानी रहे उसे ध्यान में रखते हुए पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च के लिए प्रति महीने 50 हजार रुपए की फेलोशिप दी जाएगी। इतना ही नहीं वर्ष के अंत में इसके अतिरिक्त 50 हजार रुपए की मदद दी जाएगी।
जीटीयू के कुलपति डॉ. नवीन शेठ ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य जीटीयू में पीएचडी के बाद भी बेहतर विषयों और मुद्दों पर गहन शोध को बढ़ावा देना है। इसीलिए 50 हजार रुपए प्रति महीने की फेलोशिप देने का निर्णय किया गया है। विदेशों में इस प्रकार की शोध ज्यादा होती है, हमारे यहां नहिवत है। इसकी शुरूआत जीटीयू कर रही है। जल्द इसके लिए आवेदन मांगे जाएंगे।
कुलसचिव डॉ के एन खेर ने बताया कि जीटीयू से पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को प्रति महीने 25 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। यूं तो राज्य सरकार की ओर से पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को प्रति महीने 15 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। जीटीयू उसके अतिरिक्त 10 हजार रुपए देगी ताकि विद्यार्थियों को उनके विषय की शोध में कोई आर्थिक संकट ना रहे। जो सीधे चयनित होंगे या जिन्हें सरकारी मदद नहीं मिल रही है उन्हें 25 हजार दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त साल के अंत में 25 हजार रुपए दिए जाएंगे।
सूत्रों का कहना है कि जीटीयू में जिस संख्या में रिसर्च होनी चाहिए उतनी रिसर्च नहीं हो रही है। यही वजह है कि पीएचडी ही नहीं उसके बाद की रिसर्च को भी बढ़ावा देने की दिशा में यह निर्णय किए गए हैं। इसका असर अब जीटीयू की रैंकिंग में भी पडऩे लगा है।
जीटीयू के डिपार्टमेंट्स से कर सकेंगे पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च
कुलपति डॉ.नवीन शेठ ने बताया कि पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च जीटीयू के डिपार्टमेंट्स से ही की जा सकेगी। क्योंकि यहां ही अत्याधुनिक लैब, सुपर कंप्यूटर व अन्य बेहतर सुविधाए हैं। सुविधा और गाइड की उपलब्धता के आधार पर सीटें तय होंगीं। अभी की स्थिति के अनुरूप इंजीनियरिंग में चार, फार्मेसी में दो से तीन और प्रबंधन (मैनेजमेंट) में दो विद्यार्थी पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च कर सकते हैं।
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