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हैरिटेज इमारतों के संरक्षण के लिए जीटीयू ने आईएसआर से मिलाया हाथ

locationअहमदाबादPublished: Feb 14, 2018 11:08:18 pm

Submitted by:

Nagendra rathor

भूकंप से बचाव के लिए मिलकर करेंगे शोध एवं कार्य

GTU
अहमदाबाद. हैरिटेज इमारतों को भूकंप से नुकसान ना हो और उनका जतन हो सके इसके लिए गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय (जीटीयू) ने इंस्टीट्यूट ऑफ सिस्मोलॉजिकल रिसर्च (आईएसआर) से हाथ मिलाया है।

दोनों ही अहम संस्थान एक साथ मिलकर न सिर्फ गुजरात में स्थित ऐतिहासिक धरोहरों को भूकंप से बचाने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे, बल्कि भूकंप का समय रहते पता लगाने और भूकंप से गुजरात में तबाही को रोकने के लिए मिलकर अनुसंधान व काम करेंगीं। दोनों ही संस्थाओं नेे इस मामले पर बुधवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

करार के तहत गुजरात में आईएसआर एकमात्र ऐसा संस्थान है जो राज्य में भूकंप की प्रोफाइलिंग तैयार कर रही है। यह प्रोफाइल तैयार होने पर जीटीयू के इंजीनियर-विद्यार्थी इमारत बनाने के लिए नींव की ऐसी संरचना विकसित करेंगे जिससे भूकंप आने पर नुकसान ना हो।

जीटीयू कुलपति डॉ.नवीन शेठ ने कहा कि इस एमओयू के तहत दोनों ही संस्थान मिलकर गुजरात के हैरिटेज इमारतों, स्थलों को भी भूकंप से बचाने की दिशा में काम करेंगे। हैरिटेज इमारतें काफी पुरानी हैं ऐसे में ज्यादा तीव्रता का भूकंप आए तो उन्हें नुकसान ना हो इसदिशा में काम किया जाएगा।

जीटीयू ने नेशनल हैरिटेज रिसर्च सेंटर की स्थापना की है, जो न सिर्फ गुजरात बल्कि भारत भर में जहां जहां ऐतिहासिक व हैरिटेज धरोहरें हैं वहां पर उनके संरक्षण के लिए सलाहकार की सेवाएं देगा। इसमें सबसे अहम पहलू भूकंप से बचाव का है।

जीटीयू के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ स्मार्ट सिटी के निदेशक प्रो. रजनीकांत पटेल ने कहा कि गुजरात में यदि ज्यादा तीव्रता का भूकंप आए तो सरखेज रोजा, सीदी सैयद की जाली जैसी हैरिटेज इमारतों को भी नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में इनका व इनके जैसे अन्य स्थलों का भूकंप आने की स्थिति में संरक्षण के लिए कदम उठाना जरूरी है।
करार के तहत गुजरात में आईएसआर एकमात्र ऐसा संस्थान है जो राज्य में भूकंप की प्रोफाइलिंग तैयार कर रही है। यह प्रोफाइल तैयार होने पर जीटीयू के इंजीनियर-विद्यार्थी इमारत बनाने के लिए नींव की ऐसी संरचना विकसित करेंगे जिससे भूकंप आने पर नुकसान ना हो।
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