हाईकोर्ट ने गुजरात विवि से जताई नाराजगी -कहा, तीन वर्षों से क्यों नहीं हुए चुनाव?
अहमदाबादPublished: Mar 22, 2018 10:34:11 pm
विद्यार्थी सीनेट के चुनाव का मामला..
अहमदाबाद. गुजरात विश्वविद्यालय के विद्यार्थी सीनेट के चुनाव को स्थगित करने के मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने विवि से नाराजगी जताई है। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि आखिरकार किन कारणों से चुनाव की घोषणा की गई थी। परीक्षा आरंभ हो और चुनाव के लिए अनुकूल वातावरण नहीं है, इसके लिए पहले से क्यों विचार नहीं किया गया। किसलिए तीन वर्षों से विद्यार्थी सीनेट का चुनाव आयोजित नहीं किया गया?
इस पूरे मुद्दे पर गुजरात विवि की ओर से कुलपति से सूचना प्राप्त करने के लिए समय की मांग की गई। न्यायालय ने विवि से चुनाव आयोजित करने को लेकर राय बताने को कहा है। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को रखी गई है।
गुजरात विवि के विद्यार्थी सीनेट के चुनाव को स्थगित करने के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है।
सुनवाई के दौरान विवि की ओर से दलील दी गई कि विवि में मार्च महीने में परीक्षाएं जारी हैं। इसके अलावा फिलहाल ऐसा वातावरण नहीं है जिससे चुनाव आयोजित कराया जा सके।
उधर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कुलपति को चुनाव रद्द करने का अधिकार नहीं है। विवि आरक्षण नीति का भी अमल नहीं कर रही। इस पर विवि ने जवाब दिया कि कुलपति को यह अधिकार है। साथ ही आरक्षण की नीति का मुद्दा विवि ने राज्य सरकार को भेजा है। सरकार इस संबंध में निर्णय लेगी।
उधर विवि के विद्याथी सीनेट के चुनाव में मतदाता सूची रद्द किए जाने के मामले में यह कहा गया कि मतदाता सूची में कई फर्जी मतदाता हैं। इस कारण राजनीति से जुड़े विविध कॉलेज के फर्जी विद्यार्थी हैं। इसलिए इस मतदाता सूची को रद्द कर नई मतदाता सूची बनाई जानी चाहिए और तब तक चुनाव रद्द किया जाना चाहिए। 25 मार्च को गुजरात विवि विद्यार्थी सीनेट का चुनाव होना था। विवि के मुख्य सीनेट के लिए हर पांच वर्ष तथा विद्यार्थी सीनेट के लिए हर वर्ष चुनाव आयोजित करने की नीति है।