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हाईकोर्ट ने सरकार, पुलिस व मनपा प्रशासन से फिर जताई भारी नाराजगी

locationअहमदाबादPublished: Jul 16, 2018 11:39:17 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

 
-निर्देश के बाद कोर्ट के समक्ष पेश हुए शहर पुलिस आयुक्त
-अनियंत्रित ट्रैफिक व बेतरतीब पार्किंग का मुद्दा

Guj HC come down heavily on State, AMC and Police

हाईकोर्ट ने सरकार, पुलिस व मनपा प्रशासन से फिर जताई भारी नाराजगी

अहमदाबाद. अहमदाबाद की अनियंत्रित ट्रैफिक, आवारा फिरते पशुओं व खस्ताहाल सडक़ों के संबंध में जारी आदेशों के अमलीकरण नहीं किए जाने पर गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक बार फिर राज्य सरकार, पुलिस प्रशासन व मनपा प्रशासन से भारी नाराजगी जताई।
न्यायाधीश एम. आर. शाह व न्यायाधीश ए. वाई. कोगजे की खंडपीठ ने गत मई महीने में दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा था, लेकिन एक बार फिर निर्देश का पालन नहीं करने पर खूब नाराजगी जताई। इतना ही नहीं सुबह की सुनवाई के दौरान ट्रैफिक के मुद्दे पर न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं करने पर खंडपीठ ने अहमदाबाद शहर के पुलिस आयुक्त को शहर का राउंड लगाकर पेश होने को कहा।
दोपहर ढाई बजे के बाद खंडपीठ के समक्ष पुलिस आयुक्त ए.के.सिंह ट्रैफिक विभाग की विशेष आयुक्त नीरजा गोटरू राव व ट्रैफिक विभाग के पुलिस उपायुक्त सुधीर देसाई उपस्थित हुए।
खंडपीठ ने राज्य सरकार के साथ-साथ पुलिस व मनपा प्रशासन की सख्ख निंदा करते हुए कहा कि न्यायालय के आदेशों को पालन क्यों नहीं किया जा रहा।
-ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर कोई योजना क्यों नहीं?

खंडपीठ ने प्रशासन से पूछा कि ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने को लेकर क्या योजना बनाई गई? क्यों इसके लिए ट्रैफिक पुलिस को प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है?
न्यायालय ने मौखिक टिप्पणी की कि सिर्फ पुलिस कांस्टेबल ही नहीं पुलिस निरीक्षकों को भी ट्रैफिक मैनेजमेंट की जानकारी नहीं है। इन अधिकारियों को क्यों नहीं ठोस ट्रेनिंग दी जाती है? 10 पुलिस में से आठ बिना काम के बैठकर बातें करते रहते हैं। जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित क्यों नहीं किया जाता।
अगले सप्ताह तक पेश करें रिपोर्ट

न्यायालय ने पुलिस आयुक्त सिंह के आश्वासन पर राज्य सरकार व प्रशासन को एक सप्ताह का समय दिया। न्यायालय ने कहा कि यह आदेशों के अमलीकरण का रिपोर्ट पेश करने का अंतिम मौका देते हुए मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को रखी है।

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