यह है मामला सीआईडी क्राइम ने उच्च न्यायालय के निर्देश पर ३० अप्रेल १९९६ को पालनपुर थाने में दर्ज एनडीपीएस के फर्जी मामले में भट्ट को गिरफ्तार किया है। भट्ट उस वक्त बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक थे। राजस्थान के वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित की ओर से वर्ष १९९८ में दायर याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय ने गत अप्रेल महीने में फैसला सुनाते हुए सीआईडी क्राइम से विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करते हुए तीन महीने में जांच पूरी करने को कहा था।
इस प्रकरण की जांच के दौरान सामने आया कि तत्कालीन बनासकांठा एसपी संजीव भट्ट ने राजस्थान के पाली जिले के वद्र्धमान मार्केट स्थित एक दुकान को खाली कराने के लिए तत्कालीन दुकान के कब्जाधारक पाली में बापूनगर निवासी वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित पर एनडीपीएस का फर्जी केस पालनपुर थाने में ३० अप्रेल १९९६ को दर्ज किया था। इस मामले में सुमेर सिंह की कुछ दिनों बाद ही गिरफ्तारी भी की थी।
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को वर्ष २०१५ में केन्द्र सरकार की ओर से बर्खास्त किया जा चुका है।
इस प्रकरण की जांच के दौरान सामने आया कि तत्कालीन बनासकांठा एसपी संजीव भट्ट ने राजस्थान के पाली जिले के वद्र्धमान मार्केट स्थित एक दुकान को खाली कराने के लिए तत्कालीन दुकान के कब्जाधारक पाली में बापूनगर निवासी वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित पर एनडीपीएस का फर्जी केस पालनपुर थाने में ३० अप्रेल १९९६ को दर्ज किया था। इस मामले में सुमेर सिंह की कुछ दिनों बाद ही गिरफ्तारी भी की थी।
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को वर्ष २०१५ में केन्द्र सरकार की ओर से बर्खास्त किया जा चुका है।