भरूच की पोक्सो अदालत ने वर्ष 2018 में पढियार को फांसी की सजा सुनाई थी। दोषी ने फांसी की सजा को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी वहीं राज्य सरकार फांसी की सजा को कन्फर्म कराने उच्च न्यायालय पहुंची थी।
मामले के अनुसार वर्ष 2016 में भरूच की जंबुसर तहसील के पिलुद्रा गांव निवासी शंभू पढियार ने अपने घर के निकट खेल रहे चार वर्ष के बच्चे को आइस्क्रीम खिलाने के बहाने बुलाया। इसके बाद दरगाह के पीछे की झाडिय़ों में ले जाकर बच्चे के साथ कुकर्म किया। इसके बाद आरोपी ने बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी।
मृतक स्थानीय मंदिर के पुजारी का पुत्र था। इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी। बच्चे का शव दरगाह के पीछे नग्न अवस्था में मिली थी। घटना के कुछ दिनों बार पढियार को गिरफ्तार किया गया।
यह मामला भरूच की पोक्सो अदालत में चला जहां विशेष अदालत ने आरोपी पढियार को हत्या सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं व पोक्सो की धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई। इसके बाद यह मामला उच्च न्यायालय पहुंचा। इस मामले में राज्य सरकार ने बच्चे के खिलाफ जघन्य अपराध में दोषी आरोपी को राहत नहीं दी जानी चाहिए।
मामले के अनुसार वर्ष 2016 में भरूच की जंबुसर तहसील के पिलुद्रा गांव निवासी शंभू पढियार ने अपने घर के निकट खेल रहे चार वर्ष के बच्चे को आइस्क्रीम खिलाने के बहाने बुलाया। इसके बाद दरगाह के पीछे की झाडिय़ों में ले जाकर बच्चे के साथ कुकर्म किया। इसके बाद आरोपी ने बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी।
मृतक स्थानीय मंदिर के पुजारी का पुत्र था। इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी। बच्चे का शव दरगाह के पीछे नग्न अवस्था में मिली थी। घटना के कुछ दिनों बार पढियार को गिरफ्तार किया गया।
यह मामला भरूच की पोक्सो अदालत में चला जहां विशेष अदालत ने आरोपी पढियार को हत्या सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं व पोक्सो की धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई। इसके बाद यह मामला उच्च न्यायालय पहुंचा। इस मामले में राज्य सरकार ने बच्चे के खिलाफ जघन्य अपराध में दोषी आरोपी को राहत नहीं दी जानी चाहिए।