चुनाव लडऩे के हार्दिक पटेल की याचिका पर गुजरात सरकार ने जवाब के लिए मांगा समय
अहमदाबादPublished: Mar 19, 2019 06:41:16 pm
-हार्दिक की ओर से समय की मांग का पुरजोर विरोध
-विधायक कार्यालय तोडफोड़-आगजनी प्रकरण में दोषी ठहराए जाने को स्थगित करने की लगाई है गुहार
चुनाव लडऩे के हार्दिक पटेल की याचिका पर गुजरात सरकार ने जवाब के लिए मांगा समय
अहमदाबाद. पाटीदार नेता से बने कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की लोकसभा चुनाव लड़े जाने की याचिका पर गुजरात सरकार ने जवाब देने के लिए गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष फिर से समय की मांग की।
हार्दिक पटेल ने तोडफ़ोड़ और आगजनी प्रकरण में उन्हें 2 वर्ष की सजा के लिए दोषी ठहराए जाने पर रोक लगाने की गुहार लगाते हुए याचिका दायर की है जिससे वे लोकसभा का चुनाव लड़ सके।
इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने फिर से जवाब के लिए समय की मांग की। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि हार्दिक के खिलाफ और ज्यादा सबूत पेश करने के लिए समय की मांग की। राज्य सरकार की ओर से समय की मांग का हार्दिक ने पुरजोर विरोध किया। हार्दिक के वकील रफीक लोखंडवाला ने दलील दी कि उनके लिए एक-एक दिन अहम है, इसलिए राज्य सरकार को समय नहीं दिया जाना चाहिए। दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश ए. जी. उरेजी ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया।
इससे पहले गत सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य सरकार से इस मामले से जुड़े सभी मुद्दे पर शपथपत्र पेश करने को कहा था।
हार्दिक की ओर से दायर याचिका में यह कहा गया है कि वे लोकसभा का चुनाव लडऩा चाहते हैं, लेकिन तोडफोड़ व दंगा मामले मामले में दोषी ठहराए जाने को स्थगित नहीं करने से वे चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों के तहत वे फिलहाल यह चुनाव नहीं लड़ सकते।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार किसी भी मामले में दो वर्ष की सजा मिलने पर कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 (3) के तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी अपराध के लिए दो वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य घोषित हो जाता है। साथ ही संबंधित व्यक्ति छह वर्ष के बाद ही चुनाव लड़ सकता है।