इस कार्यक्रम का राज्यव्यापी शुभारंभ मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल के सदस्य जिला मुख्यालयों से कराएंगे। इस कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी, प्राथमिक-माध्यमिक स्कूल, आश्रम स्कूल, कस्तूरबा स्कूल, अनाथ आश्रम, विकलांग, अंधजन, मूक-बधिर, चिल्ड्रेन होम, मदरसा, केन्द्रीय विद्यालय सहित कुल 1 लाख 11 हजार 146 संस्थाओं में बच्चों की जांच की जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव व आयुक्त जयंती रवि ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत 1700 स्वास्थ्य अधिकारी, 1300 आयुष चिकित्सक, 12,824 महिला स्वास्थ्यकर्मी, 10,141 बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्यकर्मी, 2255 स्टाफ नर्स, 1629 आरबीएस चिकित्सक, 115 आरबीएस फार्मासिस्ट, 354 आरबीएस महिला स्वास्थ्यकर्मी, 72 से ज्यादा आंगनबाड़ी महिलाएं, 2388 मुख्य सेविकाएं, 55 हजार से ज्यादा आशा वर्कर तथा 22 लाख से ज्यादा प्राथमिक शिक्षक सेवाएं देंगे।
इस कार्यक्रम के तहत गत वर्ष 1 लाख 55 हजार से ज्यादा बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इनमें 19 लाख 61 हजार से ज्यादा बच्चों को स्थल पर ही उपचार दिया गया तथा 1.84 लाख से ज्यादा बच्चों को संदर्भ सेवा का लाभ दिया गया।
इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पूनम चंद्र परमार, प्राथमिक शिक्षा सचिव विनोद राव, सामाजिक व न्याय अधिकारिता विभाग के सचिव मनोज अग्रवाल, स्थायी समिति के सदस्य, विशेषज्ञ सहित उच्च अधिकारी उपस्थित थे।