एसीबी ने देसाई व उनकी पत्नी व परिजनों के एक अप्रेल २००६ से ३१ मार्च २०२० के दौरान के बैंक एकाउंटों की भी जांच की। जिसमें पाया कि उनके बैंक खातो में इस दौरान पांच करोड़ 48 लाख रुपए जमा कराए गए। जबकि सात करोड़ 42 लाख रुपए उन्होंने अपने व आश्रितों के नाम पर स्थाई संपत्ति को खरीदने में खर्च किए। इस दौरान उन्होंने बैंक खातों से तीन करोड़ ८ लाख रुपए से ज्यादा निकाले। उनके परिवार के सदस्यों के नाम के बैंक एकाउंटों में चार करोड़ 61 लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति मिली, जिसके जरिए उन्होंने विदेशों में भी संपत्तियां खरीदी हैं। यह राशि विदेशों में ट्रांसफर की गई है। इस बाबत एसीबी ने खुद शिकायतकर्ता बनते हुए विरम देसाई व छह अन्य लोगों के विरुद्ध डीए का केस दर्ज किया है।
एसीबी ने वर्ष २०२० में ३८ डीए केस दर्ज करके ५० करोड़ 11 लाख की आय से अधिक संपत्ति खोजी थी। जबकि वर्ष २०२१ के शुरुआती २० दिनों में ही एसीबी ने महज तीन डीए केस करके ३३ करोड़ से ज्यादा की आय से अधिक संपत्ति खोज निकाली है। इसमें यही केस ३० करोड़ से ज्यादा का है।