एसीपीसी सूत्रों के अनुसार निजी कॉलेजों में सबसे ज्यादा सीटें खाली रही हैं। कुल रिक्त रहीं 30967 सीटों में से 28503 सीटें निजी कॉलेजों में ही खाली रही हैं। निजी कॉलेजों में उपलब्ध बीई की कुल 40362 सीटों में से केवल 11859 सीटें ही भर पाई हैं। जो कुल सीटों की महज 30 फीसदी ही हैं। जबकि 70 फीसदी से ज्यादा सीटें खाली रही हैं। केवल 29 कॉलेज ही ऐसे हैं जिन्हें 75 फीसदी से ज्यादा विद्यार्थी मिले हैं। 33 कॉलेजों की तो 10 फीसदी से भी कम सीटें भरी हैं। 15 कॉलेज की 25 फीसदी सीटें भर पाईं।
एसीपीसी के एक अधिकारी के अनुसार मास प्रमोशन का ज्यादा फायदा बीई कोर्स में नहीं हुआ। बीते साल 19500 के करीब विद्यार्थियों ने दो चरण की प्रवेश प्रक्रिया के बाद प्रवेश लिया था। इस बार यह संख्या 20439 है। जबकि बीते साल मेरिट में 31 हजार और इस साल मेरिट में 34500 के करीब विद्यार्थी थे। यानि मास प्रमोशन के चलते मेरिट में बढ़े 3500 विद्यार्थियों में से केवल 900 ने ही प्रवेश लिया है। निजी कॉलेजों की रिक्त रहीं सीटों पर निजी कॉलेजों को 30 अक्टूबर तक अपने स्तर पर नियमानुसार प्रवेश प्रक्रिया करने का निर्देश दिया गया है।
विद्यार्थियों की तुलना में कॉलेज व सीटे हैं ज्यादा
एसीपीसी की बीई प्रवेश समिति के संयोजक पार्थ रावल के अनुसार बीई कोर्स में इतनी ज्यादा संख्या में सीटें खाली रहने की मुख्य वजह विद्यार्थियों की तुलना में राज्य में कॉलेज और कॉलेजों में सीटों की संख्या ज्यादा होना है। इसके अलावा विद्यार्थी चुनिंदा 10-15 कॉलेजों में ही प्रवेश के लिए ज्यादा आतुर रहते हैं। उसमें प्रवेश नहीं मिलता तो घर के पास के कॉलेज में प्रवेश लेते हैं।
एसीपीसी के अनुसार जिन विद्यार्थियों ने बीई प्रवेश प्रक्रिया के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। ऐसे विद्यार्थियों को भी मौका मिलेगा। उनके लिए 21 अक्टूबर को प्रवेश की घोषणा की जाएगी। उनके लिए एलडी इंजीनियरिंग कॉलेज स्थित एसीपीसी कार्यालय पर ऑफलाइन प्रवेश प्रक्रिया की जाएगी। यह प्रक्रिया सरकारी व अनुदानित कॉलेजों की रिक्त सीटों पर की जाएगी। इससे पहले मेरिट में शामिल विद्यार्थियों को सरकारी व अनुदानित कॉलेजों की रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए एक और मौका दिया जाएगा। मेरिट में शामिल विद्यार्थियों से 21-25 तक रिक्त सीटों के लिए चॉइस फिलिंग कराई जाएगी। 27 को प्रवेश आवंटित किए जाएंगे। 31 अक्टूबर तक फीस भर प्रवेश कन्फर्म कराने का मौका दिया जाएगा।