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Gujarat: पाकिस्तान-बांगलादेश बन रहे चुनौती, अलंग में आधे ही टूट रहे जहाज

locationअहमदाबादPublished: Oct 28, 2021 10:57:46 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

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Gujarat: पाकिस्तान-बांगलादेश बन रहे चुनौती, अलंग में आधे ही टूट रहे जहाज

Gujarat: पाकिस्तान-बांगलादेश बन रहे चुनौती, अलंग में आधे ही टूट रहे जहाज

उदय पटेल

अहमदाबाद. विश्व के सबसे बड़े शिप ब्रेकिंग यार्ड अलंग में टूटने आने वाले जहाजों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कार्गो व कंटेनर फ्रेट के भाव ज्यादा होने के चलते यह स्थिति आन पड़ी है। साथ ही कोरोना के चलते भी इस इंडस्ट्री को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि फिलहाल मंदी का माहौल है जो आने वाले वर्षों में तेजी पकड़ सकता है। शिप ब्रेकरों के मुताबिक फिलहाल इंटरनेशनल मार्केट में कार्गो फ्रेट काफी ज्यादा है। इसके चलते जहाज कम संख्या में अलंग की तरफ आ रहे हैं।

एलडीटी में भी कमी
पिछले कुछ वर्षों में टूटने आने वाले जहाज के वजन-लाइट डिस्पलेसमेंट टनेज (एलडीटी) में भी कमी आ रही है। हाल के वर्षों में यह 15-16 लाख टन रह गई है। जो पहले ज्यादा हुआ करती थी। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा 34 एलडीटी वित्तीय वर्ष 2011-12 में हुई थी जब 415 शिप टूटने आए थे।

इंडस्ट्री-सरकार भी प्रयासरत
इंडस्ट्री में मंदी के चलते सरकार का वर्ष 2024 तक शिप ब्रेकिंग क्षमता को दुगना करने का लक्ष्य है। शिप ब्रेकिंग उद्योग में तेजी लाने के लिए केन्द्र सरकार के साथ-साथ इंडस्ट्री भी पूरी तरह प्रयासरत है।
बंगलादेश व पाकिस्तान से सीधे टक्कर

अलंग को फिलहाल बंगलादेश व पाकिस्तान से ज्यादा कड़ी टक्कर मिल रही है। इसका कारण यह है कि दोनों जगहों पर टूटने आने वाले जहाजों को प्रति टन 15 से 25 टॉलर का भाव ज्यादा मिल रहा है।

ग्रीन रिसाइक्लिंग यार्ड में वृद्धि
अलंग में शिप ब्रेकर हांगकांग कन्वेंशन की नीति को अपना रहे हैं। इसके चलते यहां पर रिसाइक्लिंग यार्ड में वृद्धि हो रही है। फिलहाल यहां पर 90 ग्रीन रीसाइक्लिंग यार्ड है। वहीं पाकिस्तान में सिर्फ एक और बांग्लादेश में 5 ग्रीन रिसाइक्लिंग यार्ड हैं।

कई तरह की सुविधाएं
अलंग शिप ब्रेकिंग यार्ड में सरकार की ओर से कई तरह की सुविधाएं मुहैया करा रही है। ग्रीन प्लॉट में लगातार वृद्धि हो रही है। यहां पर करीब 30 हजार श्रमिक कार्य करते हैं। इनके लिए रहने व स्वास्थ्य से जुड़ी अच्छी सुविधाएं हैं।
कंटनेर के भाव में लगातार वृद्धि बना कारण

फ्रेट चार्ज के साथ-साथ शिप, कंटेनर के भाव में लगातार वृद्धि हो रही है। शिप की आवक भी कम होती जा रही है। इसलिए टूटने के लिए कम जहाज अलंग में आ रहे हैं।
– हरेश परमार, सेके्रटरी, शिप रिसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एसआरआईए)

सकारात्मक हो सकती है स्थितियां
शिप ब्रेकिंग उद्योग के लिए स्थितियां सकारात्मक हो सकती है। आने वाले वर्षों में अच्छे संकेत मिल सकते हैं।
– मुकेश पटेल, आईएनएस विराट को खरीदने वाले शिप ब्रेकर

अलंग में शिप ब्रेकिंग में हो रही गिरावट
वित्तीय वर्ष जहाज
2016-17 259
2017-18 253
2018-19 219
2019-20 202
2021-20 187
2021-22 104 (सितंबर तक)
(स्त्रोत: शिप रिसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन)

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