आरोपी मूल रूप से मध्य प्रदेश का रहने वाला है। वह अलग-अलग स्थानों पर दिहाड़ी मजदूरी का काम करता है। पुलिस ने अपहृत बच्ची का फोटो वाला पैम्फलेट छपवा कर दाहोद, जूनागढ़, मोरबी, भुज, सुरेंद्रनगर, वडाला और सूरत में जगह-जगह चिपका दिया था। पुलिस की अलग-अलग टीमें कई दिनों तक आरोपी की विभिन्न स्थानों पर तलाश करती रही। इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी मोरबी जिले के खोखरा के निकट हनुमान मंदिर के समीप एक कंपनी में काम करता है। पुलिस की टीम वहां पहुंची और किसी तरह से बच्ची को मुक्त करा लिया। लेकिन अपहरण करने वाले युवक को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई। पुलिस को देख कर आरोपी पहले ही फरार हो गया।
इस संबंध में पुलिस उपाधीक्षक भारती बेन पंड्या ने बताया कि आरोपी अलग-अलग स्थानों पर रहता है। उसका कोई पक्का ठिकाना नहीं है। आरोपी सौराष्ट्र में इधर-उधर घूम कर काम करता था। पुलिसकर्मियों ने बच्ची के परिजनों को बुलाकर बच्चे की पहचान कराई। इसके पश्चात उसे आणंद लाया गया। पूछताछ में पता चला कि आरोपी बच्ची को मारता था और उसकी पहचान नहीं होने के लिए उसके बाल भी कटवा दिए थे। बच्ची बीमार हालत में मुक्त कराई गई। उसे आणंद के करमसद अस्पताल में उपचार कराया गया।