विधानसभा में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल की ओर से पेश की गई सीएजी रिपोर्ट में कहा गया कि सिविल अस्पताल के विकास के लिए 1200 बेड के अस्पताल और ट्रोमा सेंटर का निर्माण किया गया। योजना के तहत प्रत्येक मंजिल पर हीटिंग वेंटिलेशन एंड एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) की व्यवस्था की जानी थी। एचवीएसी की नलिकाओं को प्रवेश करने के लिए बिल्डिंग की बीम में कई स्थलों पर कट आउट (खांचा) किए गए थे। इस कारण बिल्डिंग की बीम में कई जगह दरारें पड़ गई। इस त्रुटि के निवारण के लिए पीआईयू ने आईआईटी-कानपुर का संपर्क किया। आईआईटी कानपुर की टीम ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया कि मूल डिजाइन पूरी तरह से अक्षम और इसमें कई खामियां थी। इसमें बीम में कट आउट के लिए अनुचित जगह, भूकंप इलाके को ध्यान में नहीं लेते हुए कमजोर निर्माण, खंभों का अनियमित स्थापन आदि त्रुटियां पाई गई। प्रोजेक्ट इंप्लीमेंट यूनिट (पीआईयू) ने आईआईटी की ओर से बताई गई त्रुटियों के निराकरण के लिए 30.62 करोड़ का खर्च किया गया। यदि बिल्डिंग की डिजाइन व योजना पर्याप्त मेहनत के साथ तैयार की गई होती तो यह खर्च नहीं होता।