दरअसल, सोमवार को गांधीनगर स्थित सत्याग्रह छावनी पर गुजरात प्रदेश युवक कांग्रेस के बैनर तले युवा स्वाभिमान सम्मेलन होने वाला था, लेकिन पुलिस ने सम्मेलन को मंजूरी नहीं दी। इसके चलते जहां सत्याग्रह छावनी स्थल पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। गांधीनगर के प्रवेश मार्गों पर पुलिस बेरीकैड लगा दिए गए और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई। इसके बावजूद युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन करने पर अड़ गए। ऐसे में पुलिस ने हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और युवक कांग्रेस के अध्यक्ष विश्वनाथसिंह वाघेला समेत हजारों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। कहीं-कहीं पर पुलिस और कार्यकर्ताओं में झड़प के नजारे देखे गए।
सदन परिसर में लहराए पोस्टर उधर, सोमवार को कांग्रेसी विधायक 'पेपरलीक फूटा बेरोजगारों का भविष्य फूटाÓ जैसे नारे लिखे पोस्टर लेकर सदन में प्रवेश करने लगे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने इन विधायकों को सदन में जाने से रोका। जहां पुलिस के साथ विधायकों की कहासुनी भी हुई। बाद में विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
विधायकों ने किया वॉकआउट उधर, जब सदन की कार्रवाई प्रारंभ हुई तो विधानसभा में विभाग की मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेसी विधायक पूंजाभाई वंश ने प्वाइन्ट ऑफ ऑर्डर उठाया और पेपरलीक मुद्दे पर चर्चा की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष नीमाबेन आचार्य इस मुद्दे को अस्वीकार कर दिया। बाद में कई विधायक नारे लगाते हुए वेल में घुस गए तो कई विधायक वेल में नीचे बैठकर नरे लगाने लगे, जिन्हें विधानसभा अध्यक्ष नीमाबेन आचार्य के आदेश पर सार्जन्ट्स ने बाहर निकाला। हंगामे के चलते सदन की कार्रवाई 15-20 मिनट तक स्थगित करनी पड़ी। बाद में फिर कांग्रेस विधायक 'पेपरफोड ये सरकार नहीं चलेगी, नहीं चलेगीÓ नारेबाजी लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया।
पेपरलीक मुद्दे पर कांग्रेसी विधायक अमित चावड़ा ने कहा कि जो भी पेपरलीक मुद्दे पर जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पुलिस गुजरात युवाओं को नहीं रोका। कांग्रेस के विधायकों की जांच नहीं करे। इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की थी, लेकिन जो इसके लिए जिम्मेदार हैं वे जवाब देने से बच रहे है। उन्होंने इस मुद्दे पर राज्य सरकार के इस्तीफे की मांग की।