संविधान दिवस के अवसर पर सदन में चर्चा चल रही थी। इस दौरान जब उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल संविधान के बारे में बोल रहे थे, तब वडगाम के विधायक ेमेवाणी ने सुरेन्द्रनगर जिले के थानगढ़ में वर्ष 2012 में पुलिस गोलीबारी में तीन दलितों के मौत को लेकर बोलने उठ खड़े हुए। मेवाणी के इस रवैए को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कई बार उन्हें चेतावनी दी, लेकिन मेवाणी चिल्लाते हुए वेल में पहुंचने का प्रयास किया। स्पीकर ने मार्शल बुलाकर मेवाणी को सदन से बाहर करवाया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि चर्चा में रहने के लिए मेवाणी इस तरह का बर्ताव कर रहे हैं।
इसके बाद सदन के नेता सह मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मेवाणी को पूरे सत्र से निलंबित किए जाने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव का संसदीय कार्य मंत्री भूपेन्द्र चुडास्मा और संसदीय कार्य राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने समर्थन किया। वहीं कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी, उपनेता शैलेष परमार ने स्पीकर से गुहार लगाई कि मेवाणी पहली बार विधायक बने हैं इसलिए सिर्फ एक दिन के लिए निलंबित किया जाए। इसके बाद स्पीकर ने बहुमत से मेवाणी को तीन दिनों के लिए निलंबित कर दिया।