संसदीय मामलों के राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाड़ेजा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के हालातों में भी संवैधानिक दृष्टि से लोकसभा का सत्र चल रहा है। अन्य राज्यों में भी विधानसभा सत्र हो रहे है। इसके मद्देनजर ही गुजरात विधानसभा का सत्र भी रखा गया है। 21 सितंबर से मानसून सत्र प्रारंभ होगा। पांच दिनों तक चलनेवाले इस सत्र में छह बैठकें होंगी। सामान्यतौर पर मानसून सत्र दो से तीन दिनों का होता है, लेकिन कोरोना को लेकर कार्रवाई और अन्य जनहित कार्यों के लिए करीब 20 विधेयकों के लिए यह पांच दिनों का सत्र होगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन लगातार फिल्ड में कार्यरत है। ऐसे हालातों में प्रश्नकाल आयोजित नहीं करने का भी बैठक में निर्णय किया गया है। हालांकि विधायक अपने इलाकों के कोई भी अहम या जरूरी मुद्दों को लेकर संक्षिप्त सवाल कर सकते हैं। यह भी निर्णय किया गया।
उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान राज्य में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उप मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के मार्गदर्शन में प्रशासन कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहा है। इसके चलते ही कोरोना संक्रमण को रोकने में गुुजरात देशभर में अव्वल रहा है। संक्रमण रोकने के लिए चिकित्सक, निजी चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी, स्वैच्छिक और सामाजिक संस्थाओं ने काफी मेहनत की है। कोरोना संक्रमण रोकने में जुटे ऐसे कोरोना वॉरियर्स को प्रोत्साहित करने और सरकार की कार्रवाई को जनता तक पहुंचाने के लिए सत्र के पहले दिन ढाई घंटे चर्चा करने के लिए संकल्प लेने का भी बैठक में निर्णय किया गया।
जाड़ेजा ने कहा कि गुजरात जैसे समृद्ध राज्य में आमजन को कोई भी अराजकतत्व परेशान नहीं कर सके इसके लिए गुंडा उन्मूलन कानून, पासा के तहत कड़ी कार्रवाई करने के लिए कानून में संशोधन के कई प्रावधान किए गए। राजस्व संशोधन, भूमाफिया-लैण्ड ग्रेबिंग एक्ट जैसे महत्वपूर्ण विधेयक भी सत्र में पारित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य में अच्छी बारिश हुई है। कई ऐसे इलाके हैं जहां अतिवृृष्टि हुई है और किसानों को खासी नुकसान हुआ है। नुकसानी को लेकर सर्वे कार्रवाई की जा रही है। जिन किसानों को 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान हुआहै उन किसानों को सर्वे कार्रवाई पूर्ण होने के बाद सहायता राशि भुगतान की जाएगी।