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Gujarat: गुजरात में घट रहे हैं ‘रेगिस्तान के जहाजÓ

locationअहमदाबादPublished: Sep 27, 2021 09:45:38 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

Gujarat assemly, camet, desert, Gandhinagar news, animal husbandry: वर्ष 2007 में 38,454 थे ऊंट, वर्ष 2019 में 27,620 रह गए

Gujarat: गुजरात में घट रहे हैं 'रेगिस्तान के जहाजÓ

Gujarat: गुजरात में घट रहे हैं ‘रेगिस्तान के जहाजÓ

गांधीनगर. गुजरात में ‘रेगिस्तान के जहाजÓ ऊंट की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। गुजरात विधानसभा में पेश आंकड़ों में यह सामने आया है कि मवेशियों की जो पिछली तीन गणना हुई है उसमें लगातार गिरावट दर्ज की गई है।
मोडासा के विधायक राजेन्द्र सिंह ठाकोर के सदन में अतारांकित सवाल के जवाब में राज्य सरकार ने लिखित जवाब में कहा कि राज्य में मवेशियों की पिछली तीन गणना में ऊंटों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। जहां वर्ष 2007 की गणना में राज्य में 38,458 ऊंट थे। जबकि वर्ष 2012 की गणना में घटकर 30,415 रह गए। वहीं वर्ष 2019 की गणना में इन ऊंटों की संख्या घटकर 27,620 रह गई।
इन ऊंटों की संख्या घटने का कारण में बताया गया कि कई वर्षों से ऊंट का उपयोग मालवाहक पशु के तौर पर किया जाता है। इस हिसाब से गुजरात में ऊंट पालन मालधारी व पशुपालक करते हैं जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर माल ले जाने में ऊंट का उपयोग करते है, लेकिन अब समय के साथ बदलाव आया है और माल परिवहन के लिए वाहनों की उपयोग बढ़ा है। इसके चलते माल परिवहन के लिए ऊंटों का उपयोग घटा है। इसके चलते ही ऊंटों की संख्या में कमी आई है।
हालांकि ऊंटों की देखभाल के लिए पशुपालन विभाग की ओर से राज्य में ऊंटों में होने वाली बीमारियों का उपचार करने के लिए योजना लागू है। इसके तहत ऊंटों में पाए जान वाले जानलेवा ‘सुर्राÓ एवं खस निवारण के लिए स्थानीय स्तर पर नि:शुल्क उपचार शिविरों लगाए जाते हैं। इस योजना के जरिए वर्ष 2018-19 में 21,987 ऊंटे और वर्ष 2019-20 में 24,238 ऊंटों का उपचार किया गया।
पशुपालन विभाग के अधीनस्थ कच्छ के ढोरी गांव में ऊंट पालन केन्द्र कार्यरत है, जहां वैज्ञानिक तरीके से ऊंटों का पालन किया जाता ताकि ऊंटों की संख्या में बढ़ोतरी हो। अच्छी नस्ल वाले ऊंटों को सीमा सुरक्षा बल, पुलिस विभाग और ऊंट पालकों को नीलामी के जरिए उपलब्ध कराए जाते है।
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