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पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में बीएसएफ जवान को गुजरात एटीएस ने पकड़ा

locationअहमदाबादPublished: Oct 25, 2021 06:57:10 pm

Gujarat, ATS, BSF, constable, spying, Bhuj, J&K, pakistan, india -जम्मू एवं कश्मीर का रहने वाला है जवान, गांधीधाम यूनिट में तैनात

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में बीएसएफ जवान को गुजरात एटीएस ने पकड़ा

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में बीएसएफ जवान को गुजरात एटीएस ने पकड़ा

भुज/अहमदाबाद. गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की गांधीधाम यूनिट में तैनात एक जवान (कांस्टेबल) सज्जाद मोहम्मद इम्तियाज को जासूसी करने के आरोप में पकड़ा है। उससे पूछताछ की जा रही है। उसके पास से मोबाइल फोन, उसमें दो सिमकार्ड एवं दो अन्य सिमकार्ड बरामद किए हैं।
सज्जाद मोहम्मद जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले की मंजाकोट तहसील के सरूला गांव का रहने वाला है। इस पर भारत के बीएसएफ जवानों की तैनाती व अन्य अति संवेदनशील जानकारी को सीमा पार पाकिस्तान भेजने का आरोप है। वॉट्सएप के जरिए यह सीमा पार संवेदनशील जानकारी भेजता होने की बात जांच में सामने आई है। जिससे इसे सोमवार को भुज स्थित बीएसएफ स्टेशन हेडक्वाटर से हिरासत में ले लिया। यह बीएसएफ की गांधीधाम स्थित 74 नंबर की बटालियन में ए कंपनी में तैनात है। सज्जाद 2012 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। जुलाई 2021 से गांधीधाम में है। इससे पहले यह त्रिपुरा में कार्यरत था।
उसके वर्ष 2011 में अटारी रेलवे स्टेशन से समझौता एक्सप्रेस के जरिए एक दिसंबर 2011 को पाकिस्तान की यात्रा करने की बात भी सामने आई है। वह एक दिसंबर 2011 से 16 जनवरी 2012 तक 46 दिन पाकिस्तान में रुका था। उसके पासपोर्ट और एक सिमकार्ड निकालने के दौरान दिए गए दस्तावेजों में दी गई जन्म तारीख में भी अंतर है।
जवान एक दूसरा मोबाइल नंबर भी उपयोग में लेता था। यह सिमकार्ड त्रिपुरा के इन्द्रनगर निवासी सत्यगोपाल घोष के नाम पर लिया गया है। यह सिमकार्ड 7 नवंबर 2020 को एक्टिवेट हुआ था। 10 नवंबर से 25 दिसंबर के दौरान यह बंद रहा। 15 जनवरी 2021 को यह फिर एक्टिव हुआ और इसमें वॉट्स एप एक्टिवेट किया गय। उसके बाद से यह फोन बंद है। इस सिमकार्ड पर वॉट्स एप को सीमा पार पाकिस्तान में उपयोग में लिया जा रहा होने की जानकारी सामने आई है। इस नंबर पर अभी भी वॉट्सएप चालू है और उसे पाकिस्तान में कोई उपयोग में ले रहा है। इसी नंबर के जरिए सज्जाद सीमा पार संपर्क में रहता है।
आरोपी कांस्टेबल ने किस प्रकार की जानकारियां भेजी हैं उस बारे में उससे पूछताछ की जा रही है।
भाई या सहकर्मी के एकाउंट में मंगवाता पैसे!
एटीएस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि सीमा पार पाकिस्तान संवेदनशील जानकारी भेजने पर जो राशि उसे मिलती थी। उसे सज्जाद खुद के खाते की जगह भाई वाजिद एवं उसके साथ काम करने वाले इकबाल रशीद के खाते में जमा करवाता था।
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