डार्क वेब से सीखी तरकीब
भाटिया ने बताया कि आरोपियों की पूछताछ में सामने आया कि इस मामले का मुख्य सूत्रधार सौमिल उर्फ सेम है। उसने डार्क वेब के जरिए ड्रग्स उत्पादन के गुर सीखे थे। ड्रग्स बनाने के लिए जरूरी रो मटीरियल (कच्चा माल) कैमिकल चुराने वाले भरत चावडा ने उपलब्ध कराया। इन लोगों ने बीएससी कैमिस्ट्री से पढ़े शैलेष कटारिया की मदद से मेफेड्रोन बनाने का काम शुरू किया। इसके लिए इन्होंने विनोद उर्फ पप्पू के सिंघरोट गांव में कारखाना शुरू किया। करीब सवा महीने से ये लोग ड्रग्स बना रहे थे।
मुंबई से भी जुड़े हैं तार
भाटिया ने बताया कि इस फैक्ट्री के तार मुंबई से भी जुड़े हैं। मुख्य सूत्रधार सौमिल उर्फ सेम और मुंबई का ड्रग्स डीलर सलीम डोला दोनों ही मुंबई की जेल में मिले थे। दोनों उस समय-अलग अलग एनडीपीएस केस में बंद थे। वहीं से दोनों संपर्क मेें आए और फिर छूटने के बाद भागीदारी में एमडी ड्रग्स बनाकर बेचने का काम शुरू किया। कारखाने से फिलहाल जो कच्चा माल मिला है उसे सलीम ने ही मुंबई से भेजा था।
5 में से 3 का आपराधिक इतिहास
डीजीपी ने बताया कि पकड़े गए पांच में से तीन आरोपी सौमिल, मो.शफी और भरत चावड़ा का आपराधिक इतिहास भी है। सौमिल मुंबई के घाटकोपर थाने में 2017 में 200 ग्राम एमडी ड्रग्स के साथ पकड़ा जा चुका है। शफी पर हत्या, हत्या की कोशिश, एमडी ड्रग्स सहित 2004 से 2021 के दौरान छह मामले दर्ज हैं। चावडा पर कैमिकल चोरी के दो मामले दर्ज हैं।