राज्य सरकार की ओर से यह कहा गया कि राज्य के 58 हजार से ज्यादा इमारतों के पास फायर एनओसी नहीं है जबकि राज्य की 33274 इमारतों के पास जरूरी बिल्डिंग यूज (बीयू) परमिशन भी नहीं है। इनमें से 25910 इमारतें नगरपालिका में हैं। अहमदाबाद महानगरपालिका की 1489 इमारतों, सूरत की 2335, वडोदरा की 1009 और राजकोट की 1640 इमारतों के पास बीयू परमिशन नहीं है। रिकॉर्ड पर आए इन सभी वास्तविकताओं से हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई थी और कानून का अमल नहीं करने वाले सभी के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करने की बात कही।
कोरोना की महामारी के बीच अहमदाबाद के नवरंगपुरा स्थित श्रेय अस्पताल व राजकोट के एक अन्य कोविड अस्पताल में आग लगने की घटना को लेकर फायर सेफ्टी व कानून को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में यह मांग की गई थी कि अहमदाबाद महानगरपालिका की सीमा में आने वाले अस्पतालों व नर्सिंग होम की जानकारी मंगाई जानी चाहिए और फायर एनओसी के बारे में जानकारी मंगाई जानी चाहिए। जिनके पास एनओसी नहीं हों उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।